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हजारीबाग में सरस्वती पूजा की धूम, मूर्तिकार को नहीं मिल रहे खरीददार - हजारीबाग कुम्हार टोली

विद्या की देवी मानी जाने वाली मां सरस्वती की पूजा को लेकर लोगों में उत्साह है. ऐसे में सबसे अधिक उत्साह मूर्तिकारों के बीच है. जो महीनों से मेहनत कर मूर्ति तैयार कर रहे हैं. अब मूर्ति भी बनकर तैयार है और उन लोगों को खरीददार का इंतजार है. उन्हें उम्मीद है कि उनकी कला को उचित दाम मिलेगा.

preparation of Saraswati at Hazaribagh
सरस्वती पूजा की धूम

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Published : Jan 28, 2020, 1:35 PM IST

हजारीबागः जिले के कुम्हार टोली मोहल्ले में इन दिनों मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में व्यस्त हैं. हर एक मूर्तिकार यही चाहता है कि उसकी मूर्ति ऐसी हो की उसे मुंहमांगी कीमत मिल जाए. 3 महीने की अथक मेहनत के बाद अब मूर्तियां बनकर तैयार हैं और मूर्तिकार अपने ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं.

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मूर्तिकारों का कहना है कि वह आज से नहीं बल्की कई सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. पूर्वजों के बाद उन्होंने इस परंपरा को बनाए रखा है, उनका कहना है कि मूर्ति बनाने में जितनी मेहनत है उतना ही मजा भी आता है. वहीं, मूर्तिकार प्रजापति बताते हैं कि हम सरस्वती पूजा की एक साल से तैयारी करते हैं, ताकि वह मूर्ति बनाएं और लोगों को बेचें. जिससे उनकी कला का भी बखान हो सके और उन्हें रोजगार भी मिल सके. उनका यह भी कहना है कि उनका पूरा परिवार इसमें लगा रहता है. तब जाकर कुछ पैसा कमा पाते हैं. हालांकि उनका कहना है कि अब पहले वाली बात नहीं रही और अब हर समान महंगा हो गया है.

मूर्तिकारों का कहना है कि वह पहले ब्रश और रंग का उपयोग किया करते थे. लेकिन धीरे-धीरे समय बदलता चला गया और ब्रश की जगह स्प्रे पेंट ने जगह ले ली. ऐसे में अब मूर्तिकार मशीन का भी उपयोग करने लगे हैं. ऐसे में मूर्तिकार सपना देवी कहती हैं कि मशीन के आने से थोड़ा काम आसान हो गया है. अब हम और आकर्षक और सुंदर मूर्ति बना पाती है क्योंकि मूर्ति की सुंदरता उसकी रंग पर निर्भर करता है. जैसा रंग होता है वैसा ही हमें पैसा भी मिलता है. लेकिन मूर्तिकारों को इस बात का दुख है कि जो पैसा मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है.

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मूर्ति का बाजार तो सज गया है, लेकिन इस बार मूर्ति की मांग बेहद कम बताई जा रही है. पिछले 2 साल में बाजार काफी अच्छा था, लेकिन इस बार बाजार बेहद खराब है. मूर्तिकारों का यह भी मानना है कि अब म्यूजिक और डीजे प्रशासन बंद करवा दिया गया है. जिसके कारण भी बाजार पर असर पड़ रहा. उनका यह भी कहना है कि इस बार ठंड के कारण मूर्ति बनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है, लेकिन ग्राहकों का नहीं आना उससे बड़ी परेशानी है.

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