झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

कुलपति ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र, कहा- 8वीं क्लास का छात्र फेल होकर भी बना है वीसी - प्रेमचंद शरदचंद्र स्मृति प्रतियोगिता

हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में प्रेमचंद शरदचंद स्मृति समारोह प्रतियोगिता और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के जरिए हिंदी साहित्य में प्रेमचंद और शरदचंद्र की भूमिका की चर्चा की गई और जानने की कोशिश की गई कि कैसे उन्होंने समाज को दशा और दिशा साहित्य के जरिए दिया.

Vinova Bhave University Hazaribagh, Premchand Sharad Chandra Smriti Competition, Hindi Literature, विनोवा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग, प्रेमचंद शरदचंद्र स्मृति प्रतियोगिता, हिंदी साहित्य
प्रेमचंद शरदचंद स्मृति समारोह

By

Published : Jan 19, 2020, 9:00 PM IST

हजारीबाग: विनोवा भावे विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में प्रेमचंद शरदचंद्र स्मृति प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य हिंदी साहित्य में प्रेमचंद और शरदचंद्र के किए गए कार्यों को बताना है. साथ ही साथ युवा पीढ़ी को अपने साहित्य के प्रति जागरूक करना भी है. इस प्रतियोगिता में लगभग 1300 स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने भाग लिया और अपना प्रदर्शन किया.

देखें पूरी खबर

समाज को दशा और दिशा साहित्य के जरिए
हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में प्रेमचंद शरदचंद स्मृति समारोह प्रतियोगिता और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. जहां विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश सरण समेत कई प्रोफेसर और समाज से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम के जरिए हिंदी साहित्य में प्रेमचंद और शरदचंद्र की भूमिका की चर्चा की गई और जानने की कोशिश की गई कि कैसे उन्होंने समाज को दशा और दिशा साहित्य के जरिए दिया.

200 प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया
बता दें कि 9 और 10 नवंबर 2019 को विभिन्न प्रतियोगिता में लगभग 1300 बच्चों ने भाग लिया और अपना प्रदर्शन किया था. इन्हीं में से लगभग 200 प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया. साथ ही साथ रंगमंच के जरिए साहित्य के बारे में बताया गया.

ये भी पढ़ें-पप्पू यादव के बिगड़े बोल, योगी आदित्यनाथ पर की आपत्तिजनक टिप्पणी

कुलपति ने किया संबोधित
इस दौरान विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्रों और उनके अभिभावकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि लेखक और कवि एक पल के लिए नहीं बल्कि सदियों के लिए होते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों की लेखनी हमें आश्वस्त करती है कि समाज प्रगति की ओर है. बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक साथ रहो, एक साथ पढ़ो और एक साथ खाओ तभी तुम्हारा विकास होगा और तुम्हारे विकास पर ही इस देश की बुनियाद टिकी हुई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details