हजारीबागः झारखंड पुलिस अकादमी हजारीबाग में पुलिस संस्मरण दिवस मनाया गया.इस दौरान सुरक्षा में जान गंवाने वाले झारखंड के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. अकादमी के सहायक निदेशक रोशन गुड़िया ने आंतरिक सुरक्षा में जान गंवाने वाले झारखंड समेत पूरे देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही साथ उनके किए गए कार्यों को याद किया.
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संस्मरण दिवस के मौके पर कई पुलिस पदाधिकारी भी उपस्थित रहे. सहायक निदेशक ने जवानों और अन्य पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपना कर्तव्य हर कीमत पर निभाना है. हमारा पहला दायित्व है कि हम आंतरिक सुरक्षा में अपनी पूरी सहभागिता दें. इस दौरान झारखंड पुलिस अकादमी में राष्ट्रीय ध्वज समेत झारखंड पुलिस का ध्वज भी झुकाया गया. 2 मिनट का पुलिस पदाधिकारियों ने मौन रखकर शहीदों को नमन किया.
दरअसल 21 अक्टूबर 1959 को भारतीय पुलिस कर्मियों के एक समूह पर चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर हमला किया गया था. जिसमें 20 भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हुए थे और 7 पुलिसकर्मी घायल हुए. जिन्हें चीनी सैनिकों द्वारा बंदी बना लिया गया था. शहीदों के शव को 3 सप्ताह के पश्चात भारत को वापस किया गया. उन्हें उत्तरी पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स नामक स्थान पर ससम्मान अंतिम विदाई दी गई थी. उन सैनिकों के सम्मान में प्रत्येक वर्ष 1960 से 21 अक्टूबर को संस्मरण दिवस मनाया जाता है.झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार भारत में 1 सितंबर 2020 से 31 अगस्त 2021 तक कुल 377 पुलिस पदाधिकारी और कर्मी शहीद हुए. अगर झारखंड की बात की जाए तो 4 पुलिसकर्मी इस दौरान शहीद हुए हैं. जिनमें हवलदार देवेंद्र कुमार पंडित, आरक्षी किरण सुरीन, आरक्षी हरद्वार साह, आरक्षी दुलेश्वर परास शामिल हैं.
गिरिडीह में भी मनाया गया पुलिस संस्मरण दिवस
अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों की याद में गिरिडीह के न्यू पुलिस लाइन पपरवाटांड़ में भी संस्मरण दिवस मनाया गया. यहां एसपी अमित रेणू, एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, डीएसपी संदीप सुमन, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, मुफस्सिल थानेदार विनय राम समेत कई अधिकारियों ने शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित की. इस दौरान शहीदों को याद किया गया. जबकि पांच किमी के मैराथन दौड़ का भी आयोजन हुआ.
इस दौरान एसपी अमित रेणू ने कहा कि देश की सेवा में शहीद हुए अधिकारी और जवान हमेशा ही याद किये जाते हैं. उन्होंने कहा कि सेवा, सुरक्षा और शांति के लिए शहीद हुए कर्मी हमेशा ही हमारे दिलों में बसे हैं. उन्होंने कहा कि इन शहीदों से सीखने की दरकार है कि कैसे अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना है. उन्होंने कहा कि हर राज्य, जिला में अलग अलग चुनौतियां रहती हैं, लेकिन हर चुनौती का डटकर मुकाबला करना ही पुलिसिंग है. एसपी ने कहा कि कोरोनाकाल भी बड़ी चुनौती रही है, जिसका मुकाबला सभी ने किया. पुलिसकर्मियों ने तो लोगों की खूब सेवा की.