हजारीबागः जिला के इचाक मोड़ में मरीज के परिजनों ने जमकर अस्पताल में तोड़फोड़ की है. मरीज के परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती गयी और समय पर पेशेंट को रेफर नहीं किया गया. इस कारण पेशेंट की मौत हो गयी. इसको लेकर अस्पताल में मरीज के परिजनों ने हंगामा किया है.
इसे भी पढ़ें- लोहरदगा में नवजात की मौत के बाद सदर अस्पताल में हंगामा, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
हजारीबाग में अस्पताल में परिजनों ने हंगामा (Family Members Created Ruckus in Hospital in Hazaribag) किया है. मरीज की मौत पर परिजनों ने निजी नर्सिंग होम में तोड़फोड़ की गयी है. इचाक मोड़ स्थित निजी क्लीनिक पर गुस्साई भीड़ ने जमकर तोड़फोड़ की है. निजी नर्सिंग होम में तोड़फोड़ की घटना की जानकारी पुलिस को मिली तो एक टीम घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया. साथ ही शव जब्त कर हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
इस संबंध में ईचाक थाना प्रभारी का कहना है कि पहले ही इस अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी गयी है. इस मामले में FIR दर्ज कर कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस मामले में भी कार्रवाई होगी. अगर अस्पताल प्रबंधन की ओर से तोड़फोड़ को लेकर शिकायत दी जाएगी तो वो तोड़फोड़ करने वालों पर भी कार्रवाई करेंगे.
क्या है मामला
इचाक बरखा की रहने वाली सुदामा देवी का इलाज अस्पताल में चल रहा था, जिसका ऑपरेशन होने वाला था. डॉक्टर ने ऑपरेशन भी किया लेकिन ऑपरेशन के बाद जख्म में इन्फेक्शन हो गया. डॉक्टर्स ने 15 दिन तक अस्पताल में ही उसका इलाज किया और जब स्थिति बहुत खराब हो गयी तो उसे रांची के निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया. रेफर करने के कुछ घंटे के अंदर ही मरीज की मौत हो गयी. इसको लेकर परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग होम के डॉक्टर्स की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हुई है.
मृतका सुदामा देवी के 3 बच्चे हैं. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण पूरा परिवार उजड़ गया. यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी कई बार इस अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लग चुका है. इसलिए इस अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई की जाए. हजारीबाग में अस्पताल में तोड़फोड़ (ransacked in Hospital in Hazaribag) का ये पहला मामला नहीं है.