हजारीबागः बड़कागांव से बानादाग रेल साइडिंग तक काले हीरे के आसमानी सफर की शुरुआत होने जा रही है. इसे लेकर एनटीपीसी और दूसरी कंपनियां युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं. कुल 2 फेज में कन्वेयर बेल्ट का निर्माण किया जा रहा है. जिससे खदान से सीधे कोयला बानादाग कोल साइडिंग तक पहुंचाया जाएगा.
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बड़कागांव में एनटीपीसी के पकरी बरवाडीह कोल माइंस से बानादाग साइडिंग तक कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोयले की ढुलाई के लिए ट्रायल किया जा चुका है. उम्मीद है कि इसी साल दिसंबर महीने के अंतिम तक कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोयला ढुलाई शुरू हो जाएगा.
वीडियो में देखिए पूरी खबर इसके लिए कन्वेयर बेल्ट का निर्माण दो भाग मे चल रहा है. पहला 6.5 किलोमीटर का कन्वेयर बेल्ट का निर्माण 10 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. वहीं दूसरा लगभग 13 किलोमीटर का कन्वेयर बेल्ट का निर्माण एनटीपीसी के द्वारा किया जा रहा है, जिसका भी आधा काम पूरा हो चुका है.
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क्या कहते हैं अधिकारी
एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक एमवीआर रेड्डी ने ईटीवी भारत को बताया कि कन्वेयर बेल्ट शुरू होने के बाद प्रदूषण की समस्या का निराकरण होगा और हाईवा गाड़ी भी औसत रूप से कम चलेगी. इसके साथ ही अधिक से अधिक कोयला विभिन्न ऊर्जा संयंत्र तक पहुंच पाएगा.
बड़कागांव से बानादाग साइडिंग पर कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोयला लाने को लेकर 10 ट्रांसफर पॉइंट का निर्माण किया गया है. जिसमें अंतिम कुसुंभा गांव तक बना है. जहां से अंतिम 10 नंबर टपी कुटुंबा गांव तक लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक कोयले की ढुलाई की व्यवस्था की जा रही है.
कोल ढुलाई करने वाली त्रिवेणी सैनिक कंपनी के पदाधिकारी भी मानते हैं कि कन्वेयर बेल्ट लगने से व्यापक लाभ मिलेगा. कोयला ढुलाई में समय की बचत होगी. वर्तमान समय में कोयला संयत्र तक पहुंचाना महत्वपूर्ण है.
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यह यह एक महत्वपूर्ण सवाल है कि कन्वेयर बेल्ट चलने के बाद बड़कागांव से बानादाग कोल स्लाइडिंग तक लगभग 400 हाईवा प्रतिदिन तीन ट्रिप करते हैं. ऐसे में लगभग 1200 ट्रिप हाईवा प्रतिदिन करता है. जिससे लगभग 8 से 10 रैक कोयला विभिन्न ऊर्जा संयंत्र तक पहुंचाया जाता है. अगर कन्वेयर बेल्ट शुरू हो जाएगा तो हाईवा मालिक और जिन लोगों को रोजगार मिला है उन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है.
त्रिवेणी सैनिक कंपनी का कहना है कि इस बाबत कंपनी कुछ नियम तो अवश्य बनाएगी लेकिन यह संभव नहीं है कि पूर्ण रूप से हाईवा बंद हो जाए. लेकिन संख्या में जरूर गिरावट होगी. इससे पहले एनजीटी ने बानादाग कोल साइडिंग तक जल्द से जल्द कन्वेयर बेल्ट के जरिए कोयला पहुंचे इसके लिए आदेश निर्गत किया था. सुप्रीम कोर्ट में भी प्रदूषण को लेकर मामला चल रहा है.