हजारीबाग: एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना में खनन कार्य बंद हो जाने के कारण डंप किए गए कोयले के भंडार में आग लग गई है. जगह-जगह धुआं उठ रहा है. अगर जल्द ही कोयले को नहीं उठाया गया तो आग भीषण हो जाएगी और इस पर काबू पाना लगभग असंभव हो जाएगा. इम सब की जानकारी एनटीपीसी के पीआरओ विजय जुवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी.
प्रेस विज्ञप्ति जारी
जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि आंदोलन के कारण कोयले के ट्रांसपोर्ट का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. खनन कार्य पिछले 2 सितंबर से बंद है और लगभग 5.5 लाख मीट्रिक टन कोयला इकट्ठा हो चुका है. कोयले को यदि जल्दी नहीं हटाया गया तो पूरे कोयले के भंडार में भीषण आग लग जाएगी क्योंकि इलाके में दिन में तापमान अभी भी 35 डिग्री के आसपास है.
उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार कंपनी होने के नाते एनटीपीसी ने खान से निकले कोयले को अलग-अलग आठ ढेरों में रखा है, जिससे किसी तरह की आकस्मिक दुर्घटना होने की स्थिति में अग्निशमन के कार्य में आसानी हो. कोयला जलने की स्थिति में राष्ट्र की इस प्राकृतिक संपदा का नुकसान तो हो ही रहा है. इसके साथ ही पर्यावरण को भी हानि हो रही है.
खनन और ट्रांसपोर्ट कार्य को पुन: शुरू किए जाने के लिए 18 सितंबर को एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री और एनटीपीसी के चेयरमैन के बीच वार्ता हुई थी. प्रशासनिक आदेशों के बावजूद भी कार्य आरंभ नहीं करने दिया जा रहा है और अड़चन बनी हुई है. विज्ञप्ति में आगे कहा कि कुछ स्थानीय निवासियों ने एनटीपीसी के अधिकारियों को काम नहीं करने दिया जा रहा है और उन्हें कार्यस्थल पर धमकाया जा रहा है.