हजारीबाग: दुनिया में सबसे पवित्र रिश्ता भाई-बहन का माना जाता है. इस रिश्ते को हजारीबाग की उज्जवल सखी मंडल (Ujjwal Sakhi Mandal) की महिलाएं और भी अधिक मजबूत कर रही हैं, जहां हिंदू-मुस्लिम महिलाएं मिलकर राखी बना रही हैं. इस राखी की मांग ऑनलाइन मार्केट से लेकर बाजारों में भी अधिक हो रही है.
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हजारीबाग ओरिया चौक के पास उज्जवल सखी मंडल से जुड़ी दीदी रेशम के धागे से आकर्षक राखी तैयार कर रही हैं. भाई-बहन का प्यार रक्षाबंधन के मौके पर भाई की कलाई को प्यार के धागे से सजाने के लिए यह महिलाएं दिन रात मेहनत कर रही हैं. सखी मंडल समूह में अधिकांश मुस्लिम समुदाय की महिलाएं हैं. मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की बनाई राखी भाई की कलाई की खूबसूरती बढ़ाएगी. सखी मंडल के सदस्य बताती हैं कि हमलोग काफी उत्साहित हो कर राखी बना रहे हैं, इसे बाजारों में बेच भी रहे हैं, जिससे कुछ पैसे की कमाई भी हो जा रही है. उन्होंने बताया कि हजारीबाग के बाजारों में कच्चा सामान नहीं मिल पाता है, जिसके कारण मोती समेत अन्य सामान इंतजाम कर राखी बना रहे हैं.
जेएसएलपीएस महिलाओं का कर रहा आर्थिक मदद
वहीं दूसरी महिला बताती हैं कि जेएसएलपीएस से जुड़ने के बाद हम लोगों के जीवन शैली में परिवर्तन हुआ है, हमलोग कमाने के साथ-साथ पैसा बचाने भी सीख रहे हैं. समूह की महिलाओं को पदाधिकारियों ने कहा है कि त्यौहार के समय आप राखी बनाइए और उसे पलाश ब्रांड के नाम से बाजारों में उपलब्ध कराइए, जिससे आप लोग पैसा कमा पाएंगे और आपका नाम भी होगा. ऐसे में महिलाएं राखी बनाने के लिए काफी मेहनत कर रही है. इस समूह को जेएसएलपीएस की ओर से आर्थिक मदद दी जा रही है.