हजारीबाग: जिला नगर निगम प्रशासन ने अपनी संपत्ति को अलग पहचान बनाने की कवायद इन दिनों चल रही है. नगर निगम अपने स्वामित्व वाली भवन को रंगने के लिए रंग का चुनाव करने जा रही है ताकि कोई भी व्यक्ति नगर निगम की परिसंपत्ति की पहचान आसानी से कर ले. वर्तमान में अलग-अलग रंग के होने के कारण निजी और निगम की दुकानों में फर्क करना मुश्किल होता है.
कलर कोडिंग करने के बात को लेकर नगर आयुक्त माधुरी मिश्रा ने बताया कि नगर निगम प्रशासन ने रंग का चयन किया है. हालांकि उन्होंने बताया कि नगर निगम के रंग किसी भी राजनीतिक दल के रंग से कोई संबंध नहीं होगा. शहर में किसी भी दुकान या अन्य परिसंपत्ति को देखकर एक नजर में पहचान लेंगे कि वह संपत्ति नगर निगम की है या फिर किसी और की है. उनका यह भी कहना है कि जब नगर निगम की संपत्ति को देखा जाएगा तो पता चलेगा कि अतिक्रमण है या नहीं है. इसके साथ ही कलर कोड का असर नगर निगम कार्यालय उसकी फाइल स्टांप सहित अन्य संपत्तियों पर भी पड़ेगा.