हजारीबागः झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान धर्मांतरण को लेकर आवाज गूंजा था. हजारीबाग के सुदूरवर्ती दारू प्रखंड के कई गांव में धर्मांतरण को लेकर इन दिनों विवाद भी चल रहा है. कहा जा रहा है कि कई लोगों ने सरना धर्म को छोड़कर मिशनरी धर्म अपनाया है. ऐसे में शनिवार को एक दर्जन से अधिक लोगों ने अपने पुराने घर्म में आकर घर वापसी किया. इस दौरान गांव के मुखिया एवं अन्य गणमान्य लोगों ने पैर धोकर उन लोगों का वापस अपने धर्म में स्वागत किया है.
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धर्मांतरण की जद में हजारीबाग जिला के दारू प्रखंड के कई अनुसूचित जनजाति परिवार के लोग आने के बाद इस मामले को लेकर सनातन धर्म से जुड़े लोग सक्रिय हो गए और धर्मांतरण के खिलाफ मुखर होकर विरोध-प्रदर्शन शुरू किया. हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने भी इस बात को लेकर सदन में भी अपनी बात रखी थीं. आलम यह हुआ था कि दारू प्रखंड के दारू गांव में विधायक मनीष जायसवाल ने एक व्यक्ति का पैर छूकर वापस अपने धर्म अपनाने के लिए प्रेरित भी किया था.
इसी कड़ी में दारू प्रखंड क्षेत्र के चानो खुर्द ग्राम के कुल 12 लोगों ने सरना धर्म में वापसी की. दिगवार पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि महेंद्र मुर्मू के नेतृत्व में घर वापसी कार्यक्रम का आयोजन चानो खुर्द ग्राम मे किया गया. जहां सरना धर्म के नाइक राम कुमार मरांडी, ग्राम प्रधान मांझी हागम और सीताराम मुर्मू की ओर से विधिवत सरना धर्म की रीति-रिवाज के अनुसार सभी की घर वापसी करायी गयी.
ईसाई धर्म अपना चुके लोगों की घर वापसी वर्तमान समय में धर्मांतरण एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. एक बार फिर 12 लोगों ने वापस सरना धर्म में लौटे हैं. कहा जा रहा है कि हजारीबाग में एक बड़ा आंदोलन धर्मांतरण को लेकर होने की तैयारी चल रही है. पैर धोकर अपने धर्म में वापसी कराते ग्रामीण