हजारीबाग: ईटीवी भारत ने दो दिन पूर्व हम लोगों ने हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड अंतर्गत छठवां डैम के पास राजस्थान के 24 लोगों की दुख भरी दास्तां दिखाई थी. कैसे लॉकडाउन में वे फंस गए हैं और उनके पास खाने के लिए अनाज तक नहीं था और न ही सर छिपाने के लिए छत. ऐसे में वे लोग अपने बच्चों के साथ तंबू गाड़ कर रहने को विवश हैं. आसपास के लोग उन्हें खाना दे रहे थे, ताकि उनके बच्चे भूखे न रहें. लेकिन अब वे लोग अपने गांव राजस्थान जाने के लिए निकल पड़े हैं. ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है और जिला प्रशासन उन लोगों के लिए पूरी व्यवस्था की है.
ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी खबरपिछले दो दिनों से ईटीवी भारत की टीम राजस्थान के फंसे हुए मजदूर की दास्तां आप लोगों को दिखा रही थी. जिसमें बताया गया था कि कैसे दूसरे राज्य के मजदूर हजारीबाग में फंस गए हैं और उनके पास खाने के लिए अनाज तक नहीं था. ऐसे में हजारीबाग के कुछ स्वयंसेवी तो जिला प्रशासन के पदाधिकारियों ने मदद किया और उन्हें दो वक्त की रोटी मुहैया कराई गई. लेकिन उन लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि आखिर कैसे वे अपने घर राजस्थान जाएं.
राजस्थान के प्रवासी मजदूर ये भी पढ़ें-बंगलुरु से यात्रियों को लेकर हटिया पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, यात्रियों की गई स्क्रीनिंग
मजदूरों ने ईटीवी भारत और जिला प्रशासन को दिया धन्यवाद
ऐसे में जिला प्रशासन की मदद से वे लोग अब राजस्थान जाने के लिए निकल पड़े हैं. एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. दिल्ली की बचपन बचाओ आंदोलन जैसी स्वयंसेवी संगठन ने भी इस खबर पर संज्ञान लिया था और उन्होंने पदाधिकारियों से बातचीत भी की थी. इस दौरान पदाधिकारी लगातार ईटीवी भारत की टीम से भी संपर्क में थे. मजदूर अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं. इन मजदूरों को हजारीबाग से रांची रेलवे स्टेशन पहुंचाया जाएगा और फिर वहां से एक ट्रेन से राजस्थान पहुंचेंगे. ऐसे में गांव जाने वाले राजस्थानी भाई-बहन भी ईटीवी भारत को धन्यवाद करते थक नहीं रहे हैं. उनका कहना है कि आप लोगों के कारण आज हम गांव जा रहे हैं, तो दूसरी ओर उन्होंने हजारीबाग जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों को भी धन्यवाद किया है कि उन्होंने उन्हें दो वक्त की रोटी दी.
ये भी पढ़ें-आर्थिक पैकेज का झारखंड पर क्या पड़ेगा असर, जानिए एक्सपर्ट की राय
ईटीवी भारत की अपील
आज के समय में हर एक व्यक्ति को संवेदनशील होने की जरूरत है, ताकि वैसे लोग जो इस विकट घड़ी में परेशान हैं, उन्हें मदद किया जा सके. ईटीवी भारत भी हर एक व्यक्ति से अपील करता है कि हर संभव मजबूर व्यक्ति की मदद करें और आपसी एकता का प्रतीक बनें.