हजारीबाग: नगर निगम का काम राजस्व पर ही निर्भर करता है. जो सुविधा निगम क्षेत्र को मिलती है उस सुविधा को और भी अधिक दुरुस्त करने के लिए राजस्व काफी महत्व रखता है. लेकिन हजारीबाग नगर निगम का काम कोरोना काल के दौरान राजस्व को लेकर प्रभावित हुआ है. अब आलम यह है कि निगम के फंड में पैसे की घोर कमी है. ऐसे में टैक्स देने के लिए नगर निगम आम लोगों से अपील कर रहा है. दूसरी ओर रणनीति भी बनाई जा रही है.
राजस्व की हानिराजस्व की हानि के कारण अब नगर निगम का कार्य प्रभावित हो रहा है. निगम के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल में राजस्व का संग्रह नहीं हो पाया. इस कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि निगम का सारा काम और वेतन इसी राजस्व पर निर्भर है. लेकिन अब वे कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा राजस्व का संग्रह हो सके.
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'टैक्स जमा करें'
राजस्व संग्रह के लिए निगम के पदाधिकारी नियम भी बना रहे हैं. वैसे बकायादार जिनका टैक्स 10 हजार रुपए से अधिक है उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है. नोटिस के बाद उन्हें कुछ दिनों का समय भी दिया जा रहा है. अगर इसके बाद भी वह टैक्स जमा नहीं करेंगे तो कार्रवाई की जाएगी. नगर आयुक्त माधवी मिश्रा का यह भी कहना है कि अगर टैक्स काफी अधिक है तो वे निगम कार्यालय आएं और पदाधिकारियों से बात करें. उन्हें समय भी दिया जाएगा, ताकि और टैक्स जमा कर सकें.
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'टैक्स बढ़ाना और घटाना सरकार का काम'
हजारीबाग नगर निगम के उपमहापौर राजकुमार लाल का कहना है कि टैक्स जमा करना बेहद जरूरी है. इसी टैक्स के जरिए ही वे सुविधा दे पाते हैं. हर एक व्यक्ति की यह नैतिक जिम्मेवारी भी है. इस लिए उम्मीद करते हैं कि हर एक व्यक्ति अपना टैक्स समय पर जमा कर सके, ताकि वे अपने नगर निगम क्षेत्र को सुंदर बना सकें. अभी कई ऐसे टैक्स भी हैं जो बढ़ने वाले हैं. कई नए टैक्स भी नगर निगम क्षेत्र में लगेंगे. ऐसे में राजकुमार लाल का कहना है कि कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं चाहता है कि टैक्स जनता के माथे पर थोपा जाए. सरकार टैक्स बढ़ाने को लेकर निर्णय लेता है. टैक्स बढ़ाना और घटाना सरकार का काम है.