आयुष्मान भारत योजना के प्रोत्साहन राशि में घोटाला, जांच करने पहुंची स्पेशल टीम
हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना की राशि में घोटाले की बात सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि जिन पैसों को डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर देना था, उसे वैसे लोगों ने आपस में बांट लिया जो मरीजों का इलाज करने में शामिल नहीं थे. जानकारी मिलते ही रांची से एक टीम हजारीबाग पहुंची और पूरे मामले की जांच कर रही है.
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Published : Mar 1, 2022, 9:48 AM IST
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Updated : Mar 1, 2022, 11:49 AM IST
हजारीबाग: जिले के हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना की राशि में भारी हेराफेरी की बात सामने आई है. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को प्राप्त दावा राशि में से लगभग 6 करोड़ रुपए का बंदरबांट हो गया. इस घोटाले की जांच के लिए रांची से टीम हजारीबाग पहुंची है.
हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान भारत योजना प्रोत्साहन राशि में घोटाला का मामला प्रकाश में आया है. कोरोना काल में डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को आयुष्मान योजना के तहत आवंटित राशि की 25 फीसदी राशि प्रोत्साहन के तौर पर देनी थी. लेकिन इलाज से दूर रहे लोगों को प्रोत्साहन राशि दी गई और जो स्वास्थ्यकर्मी इसके हकदार थे उन्हें सिर्फ और छोटी मोटी रकम देकर कोरम पूरा कर लिया गया. कहा जा रहा है कि लगभग 6 करोड़ों रुपए का बंदरबांट हजारीबाग में हुआ है. ऐसे में इस बंदरबांट की आग रांची तक पहुंची है.
रांची से 3 सदस्य टीम हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची और मामले की जांच की. हॉस्पिटल के तत्कालीन सुपरेंड डॉक्टर संजय कुमार सिन्हा के हस्ताक्षर से यह राशि ऐसे लोगों को दी गई जो इसके हकदार नहीं थे. राशि अकाउंट में ट्रांसफर की गई है. पैसों का यह बंदरबट कोरोना काल से लेकर अब तक तीन बार किया गया. जब इसकी जानकारी रांची तक पहुंची तो वहां से चिट्ठी जारी कर पूरे मामले की तहकीकात करने की बात कही जा रही है. आयुष्मान योजना के तहत कोरोना काल के दौरान प्रोत्साहन राशि के 25 फीसदी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को देना था और 75 फीसदी राशि अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च करना था. लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नाम पर भी लूट होने की बात सामने आ रही है.
जांच करने हजारीबाग पहुंची टीम ने जांच में क्या पाया इसका खुलासा तो नहीं किया है. लेकिन अस्पताल के डीएस ने जानकारी दी कि वे लोग जांच करने आए टीम की मदद कर रहे हैं. प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कुछ टिप्पणी की जा सकती है.