हजारीबाग: जिले में इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. टीचिंग स्टाफ के साथ नन टीचिंग स्टाफ की किल्लत से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. विद्यालय में नियुक्त शिक्षक जहां अतिरिक्त बोझ पड़ने की शिकायत कर रहे हैं वहीं विद्यालय प्रबंधन ने 1 से 2 महीने के अंदर आउटसोर्सिंग पर शिक्षकों और कर्मियों की बहाली उम्मीद जताई है.
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स्कूल में खाली है अधिकांश खाली पद:स्कूल में शिक्षकों के लिए 27 स्वीकृत पद हैं लेकिन हालत ये है कि यहां मात्र 4 शिक्षिका अस्थायी रूप से तैनात हैं जबकि 10 शिक्षिका दूसरे स्कूल से भेजी गई हैं. जिनमें 6 माह के अंदर 2 शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगी. स्कूल में प्राचार्य की भी बहाली नहीं हुई है. प्रभारी प्राचार्य के द्वारा स्कूल संचालन हो रहा है. प्रभारी प्राचार्य भी बताती है कि शिक्षकों की कमी के कारण परेशानी हो रही है. हम लोगों के पास नन टीचिंग स्टाफ भी नहीं है. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में हम लोगों ने पूरा फॉर्मेट बनाकर वरीय पदाधिकारियों को दिया है. उन्होंने उम्मीद जाहिर जताते हुए बताया कि आउटसोर्सिंग पर 1 से 2 महीने के अंदर बहाली हो जाएगी. प्रभारी प्राचार्य ने कहा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा छात्रों को नहीं मिलने पर पूरा कॉलेज प्रबंधन परेशान है.
नॉन टीचिंग स्टाफ का पद भी खाली: स्कूल में सेवा देने वाले शिक्षक बताते हैं कि 102 नॉन टीचिंग स्टाफ की बहाली होनी है लेकिन मात्र 24 ही यहां कार्यरत है. प्रयोगशाला तो हमारे पास है लेकिन प्रयोगशाला के शिक्षक नहीं है. जिस कारण छात्राओं को प्रयोगशाला की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है. इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय की पहचान देश भर में है. ऐसे में सरकार अगर इस स्कूल में भी सुविधा नहीं दे पाएगी तो इससे दुखद बात कुछ नहीं हो सकता.
छात्राओं के अभिभावक भी परेशान: छात्राओं के अभिभावकों ने भी शिक्षकों की कमी पर चिंता जाहिर की है. वे कहते हैं कि हम लोग बहुत ही उम्मीद से बेटी को पढ़ने के लिए यहां भेजें. यह देश का प्रतिष्ठित स्कूल है. जहां छात्राएं कंपटीशन पास करने के बाद प्रवेश लेती है. लेकिन यहां भी अगर सरकार शिक्षकों की कमी रहेगी तो कैसे छात्रों का भविष्य बनेगा यह समझ से परे है .उनका यह भी कहना है कि स्कूल में नन टीचिंग स्टाफ आधे से भी कम है. इस कारण स्कूल की छात्राओं को ही बहुत सा काम करना पड़ता है. जल्द से जल्द इस स्कूल में बहाली हो यह जरूरी है.