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हजारीबागः भू-रैयत और किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू, बड़कागांव में पहुंची आंदोलन की चिंगारी - Movement against NTPC and Triveni Sainik Limited at Hazaribag

हजारीबाग में नौ गांव के बाद अब बड़कागांव पश्चिमी पंचायत में भी भू-रैयत और किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. 10 गांवों में आंदोलन शुरू होने से एनटीपीसी के लिए परेशानी बढ़ गई है.

Indefinite strike of Bhu Raiyat and farmers
भु-रैयत और किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू

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Published : Sep 12, 2020, 8:43 PM IST

हजारीबागः जिले में एनटीपीसी कोल कंपनियों के खिलाफ नौ गांव के बाद अब बड़कागांव पश्चिमी पंचायत में भी भू-रैयत और किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. एनटीपीसी और त्रिवेणी सैनिक लिमिटेड के खिलाफ दिन-ब-दिन हर गांव में आंदोलन शुरू होने से कंपनी के लिए परेशानी बढ़ती जा रही है. जानकारी के अनुसार एनटीपीसी और उसके कोल कंपनियों के खिलाफ 30 सितंबर से कई गांव में धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है जिनमें से सिंदवारी, जुगरा, तेलियातरी, चेपाखुर्द, चेपकलां, डाड़ी, डाड़ीकलां,आराहरा, पंकरी बरवाडीह में रैयत और किसान अनिश्चितकालीन धरना में बैठे हैं.

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प्रभावित किसान संघर्ष समिति की 5 सूत्री मांग

धरना प्रदर्शन की शुरुआत बड़कागांव के सूर्य मंदिर के प्रांगण में की गई है. इसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष शशि कुमार मेहता ने की. धरना के मुख्य उद्देश्य में उचित मुआवजा, नौकरी, प्रदूषण से मुक्ति समेत 5 सूत्री मांग शामिल है. अध्यक्ष शशि कुमार मेहता ने बताया कि त्रिवेणी सैनिक कंपनी का मुख्य कार्यालय उनके पश्चिमी पंचायत में स्थित होने के बावजूद भी इस पंचायत के बेरोजगार युवकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. उनका कहना है कि बाहरी लोगों को हटाकर स्थानीय लोगों को क्यों नौकरी नहीं दी जा रही है.

वहीं, उप मुखिया सह समिति के सचिव रंजीत मेहता का कहना है कि रैयती जमीन के मूल्य के अनुसार गैरमजरूआ जमीन का मुअवाजा दिया जाए. इसके साथ ही क्षेत्र में मुफ्त बिजली, शिक्षा, पानी और सड़क की व्यवस्था हो. उन्होंने कहा कि कंपनी की तरफ से माइंस का गंदा पानी और मल- मूत्र नदी में प्रवाहित किया जा रहा है इसे अविलंब बंद किया जाए.

समिति ने की थी पहले भी वार्ता की कोशिश

अध्यक्ष शशि कुमार मेहता ने बताया कि इससे पहले भी उन्होंने मीडिया के माध्यम से कंपनी को इस स्थिति से अवगत कराया था पर उन्होंने किसी भी तरह की न वार्ता की और न ही आश्वासन दिया. अध्यक्ष शशि कुमार मेहता के नेतृत्व में सैकड़ों प्रभावित ग्रामीण ने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर धरना शुरू किया जिसकी प्रतिलिपि अंचलाधिकारी, एसडीपीओ, थाना प्रभारी, कार्यकारी निदेशक एनटीपीसी, त्रिवेणी सैनिक प्राइवेट, लिमिटेड को दी गई है.

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