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जिम बंद होने से इनकम हुआ बंद, संचालकों ने की सरकार से जिम खोलने की मांग - देशभर के जिम बंद

देशभर में लॉकडाउन से अब तक सभी वर्ग के व्यवसाय पर गहरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में जिम भी पिछले 3 महीनों से बंद है. हजारीबाग में लगभग 40 छोटे-बड़े जिम हैं जिसके कारण जिम संचालक के साथ जिम करने वाले युवाओं पर इसका असर पड़ा है. ऐसे में ट्रेनर और जिम करने वाले युवाओं ने सरकार से जिम खोलने की मांग की है.

Gym operators upset due to closure of gym
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Published : Jun 24, 2020, 7:08 PM IST

हजारीबागः लॉकडाउन की वजह से पिछले 3 महीने से जिम बंद है. जिम संचालकों ने अपने जिम का दरवाजा तक नहीं खोला है. हजारीबाग में लगभग 35 से 40 छोटे-बड़े जिम हैं. जहां 10 हजार से अधिक युवा खुद को फिट करने के लिए जिम किया करते थे. अगर व्यवसाय की बात की जाए तो लगभग 20 लाख का व्यवसाय जिम से जुड़ा हुआ है, लेकिन अब यह जिम संक्रमण को लेकर बंद पड़े हैं और जिम के सामान पर मोटी-मोटी धूल की परत बैठ गई है. कारण यह है कि जिम खोलना सख्त मना है. ऐसे में अब जिम संचालक काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि कमरे का किराया, बिजली बिल, ट्रेनर्स, बाउंसर, सफाई कर्मी, बैंक का ईएमआई सब पॉकेट देना पड़ रहा है. ऐसे में हम लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. जो ट्रेनर युवाओं को मानसिक अवसाद से दूर करने का टिप्स देते थे आज वह खुद मानसिक रूप से परेशान हैं क्योंकि पॉकेट में पैसा नहीं है.

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जिम संचालकों का यह भी कहना है कि वो आर्थिक रूप से परेशान हैं, लेकिन सबसे अधिक परेशानी युवाओं की हो रही है. हजारीबाग के कई ऐसे भी हैं जो नेशनल और इंटरनेशनल में पार्टिसिपेट करने के लिए जाने वाले थे. जिम बंद होने के कारण वे अपनी तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं. महीनों-महीनों से जो तैयारी करते आ रहे थे वह सब बर्बाद हो गया है. उन्हें फिर से अपनी तैयारी शुरू करनी होगी. ऐसे में वैसे युवा जो अपना करियर इस फील्ड में बनाना चाहते थे वह भी मायूस हैं.

जिम से इम्यून सिस्टम होगा दुरुस्त
हजारीबाग में हजारों की संख्या में युवक-युवती सभी जीम पहुंचते थे, ताकि खुद को फिट रख सकें. कोरोना संक्रमण के दौरान इम्यून सिस्टम दुरुस्त करने के लिए भी एक्सरसाइज, योगा, जिम जरूरी है. ऐसे में जिम बंद होने के कारण अब युवा भी अपने घरों में ही व्यवस्था कर रहे हैं, ताकि वर्कआउट किया जा सके. वैसे ही एक युवा गौरव का कहना है कि जिम आने वाले समय में कब खुलेगा इसकी जानकारी किसी को नहीं है. जिम के सामान भी काफी महंगे होते हैं. ऐसे में हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि छोटा मोटा सामान भी घर पर रखें और प्रैक्टिस करें. उनका यह भी कहना है कि अगर 'हम जिम नहीं करेंगे तो बॉडी भी फिट नहीं रहेगा, इस संक्रमण के कारण मॉर्निंग वॉक पर भी ग्रहण लगा हुआ है'.

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जिम का समान बेचने वाले व्यवसायी को नुकसान
हजारीबाग में जिम का सामान बेचने वाले व्यवसायी कहते हैं कि हम लोगों से जिम वाले ही सामान खरीदा करते थे, लेकिन जिम बंद होने के कारण युवा-युवती वर्कआउट करने के लिए कई सामान यहां से खरीद रहे हैं. ऐसे में वो कोशिश कर रहे हैं ऐसे युवा को कम से कम दाम में दे सकें. उनका यह भी कहना है कि ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण वो लोग सामान भी नहीं मंगा पा रहे हैं. ऐसे में जो सामान उनके पास है वो सामान उन्हें दे रहे हैं, लेकिन ये भी है कि इस कोरोना काल में जिम संचालकों के साथ-साथ उनके व्यवसाय पर भी प्रभााव पड़ा है.

संचालकों ने जिम खोलने की मांग की
ऐसे में जिम संचालकों का कहना है कि 1-2 महीना और जिम बंद रहा तो परिवार चलाना तो मुश्किल हो जाएगा. इसके साथ ही एक जिम में 10 से 12 लोगों को रोजगार दिया जाता है, उन्हें वेतन देना भी आफत हो जाएगा. ऐसे में सरकार से जिम को लेकर सोचना चाहिए. बहरहाल, संक्रमण काल में अधिकतर लोग वर्क फ्रेम होम कर रहे हैं. ऐसे में काफी लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे हैं. जिससे सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. जरूरत है सरकार को जिनके बारे में भी सोचने की. जिससे युवा फिर से जिम में लौटे और जिम मे लोहे की आवाज सुनने को मिले.

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