हजारीबागः महिलाएं आत्मनिर्भर होने के लिए इन दिनों कई तरह से प्रयास कर रही हैं, लेकिन इनसे हटकर दारू प्रखंड की रामदेव खरीका की महिलाएं फूलों की खेती कर आत्मनिर्भर होने की ओर कदम बढ़ा रही हैं. इससे उनके जीवन में बदलाव भी आ रहा है और उनकी सोच भी सकारात्मक हो रही है. 2 महीने के अथक प्रयास के बाद अब पौधों में रंग बिरंगे फूल भी आ रहे हैं, जिसे देखकर खेती करने वाली महिलाएं बेहद खुश हैं तो दूसरी ओर पूरे गांव में यह चर्चा का विषय भी बना हुआ है.
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अनुदानित मूल्य पर दिया गया पौधा
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के साथ जुड़कर महिलाएं कई तरह के कार्य कर रही हैं, जिससे केवल महिलाएं आत्मनिर्भर ही नहीं हो रही बल्कि उनके जीवन में भी बदलाव आ रहा है. हजारीबाग जिला के दारू प्रखंड के रामदेव खरीका की महिलाएं जरबेरा फूल की खेती कर आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रही हैं. महिला ग्रुप की संगीता कुमारी ने कहा कि जेएसएलपीएस ने फूल की खेती के लिए उन लोगों से आवेदन भरवाया था. आवेदन भरने के बाद ना केवल उनके ग्रुप को ग्रीनहाउस दिया गया बल्कि पौधा भी अनुदानित मूल्य पर दिया गया. साथ ही साथ पौधा उगाने के लिए, बेड बनाने के लिए भी प्रशिक्षण दिया गया. पौधे को विदेश से हवाई जहाज के जरिए रांची पहुंचाया गया और फिर रांची से हजारीबाग के दारू प्रखंड में.
दूसरों को भी कर रहीं प्रेरित
आज इन महिलाओं की मेहनत रंग लायी है और फूल खिल रहे हैं. संगीता कुमारी ने बताया कि आने वाले समय में इसका अधिक मूल्य मिलेगा, जिसका लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जो इस खेती से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि अन्य महिलाओं को भी फूल की खेती के लिए वो प्रेरित करेंगी. फिलहाल लगन का समय नहीं है जब शादी का मौसम आएगा तो फूल की कीमत उन्हें और भी अधिक मिलेगी और वो आर्थिक रूप से सबल भी होंगी. उनका यह भी कहना है कि एक पौधा 3 सालों तक फूल देता है और इसके फूल सालों भर रहते हैं इस कारण यह मुनाफे वाली खेती है.