हजारीबागः विगत कुछ सालों से टमाटर की खेती के लिए कई राज्यों में हजारीबाग ने अपनी पहचान बनायी है. किसानों की पहली पसंद टमाटर की खेती बनती जा रही है लेकिन हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के डाडा गांव में किसानों को गलत खाद देने के कारण उनकी पूरी फसल बरबाद हो गयी है. आलम यह है कि 5 एकड़ में लगा टमाटर जिसकी बाजार कीमत लगभग 16 लाख थी बर्बाद हो गयी.
ये भी पढ़ें-भारतीय क्षेत्र से अवैध कब्जे को तत्काल खाली करे पाकिस्तान : विदेश मंत्रालय
कटकमदाग प्रखंड के डाडा गांव के रहने वाले तीन युवकों ने मिलकर लगभग 5 एकड़ में टमाटर की खेती की थी. खेत में टमाटर तैयार भी होने लगा था. क्षेत्र पूरा हरा भरा था. ऐसे में पौधे को और भी अधिक तंदुरुस्त करने के लिए किसानों ने बायर कंपनी की दवा का छिड़काव किया और महज 3 दिन के बाद पूरा खेत झुलस कर रह गया. किसानों का कहना है कि सारा पेड़ झुलस गया तो कंपनी के लोगों को इसकी जानकारी दी गयी. जांच भी किया गया और जांच में सही पाया गया कि दवा के कारण फसल झुलस गए हैं. ऐसे में किसान काफी परेशान हैं. उन्होंने मदद की गुहार लगाई है.
टमाटर की मांग को देखते हुए कुछ युवकों ने खेती शुरू की थी. उन्होंने पहली बार खेती की थी, उनका कहना है कि उन लोगों ने कर्ज लेकर खेती की थी. लगभग 6 से 7 लाख पूंजी इस खेती के दौरान लगी. इस दौरान उन्होंने स्थानीय मजदूरों को भी रोजगार दिया था. रोजगार देने में मजदूरी के रूप में उन लोगों ने लाखों रुपये खर्च भी किया. इस भारी नुकसान से उनकी कमर ही टूट गई है. उनका कहना है कि आगे शायद वे लोग खेती भी नहीं कर पाएंगे.
किसानों की परेशानी जायज है. किसान अपनी फरियाद लेकर बीज दुकान से लेकर पदाधिकारियों से भी मुलाकात की है लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है. ऐसे में किसान का दर्द कैसे दूर होता है यह देखने वाली बात होगी जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को आत्मनिर्भर करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर इस घटना ने किसानों को दो कदम पीछे कर दिया है. जरूरत है कंपनी और कृषि विभाग को संज्ञान लेने की ताकि किसानों को मदद मिल सके.