हजारीबाग: जिला के बड़कागांव में पिछले एक महीने से एनटीपीसी के खिलाफ ग्रामीण 10 सूत्री मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. ऐसे में कोयला का उठाव बंद है. कोयला का उठाव बंद होने से एनटीपीसी के लगभग 5.5 लाख टन कोयला में आग लग गई है. जिससे राजस्व के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचने लगा है.
5.5 लाख टन कोयले में लगी आग, आंदोलन की वजह से नहीं हो रहा ट्रांसपोर्टेशन - एनटीपीसी की खबरें
हजारीबाग के बड़कागांव में पिछले एक महीने से कोयला ढुलाई बंद है. जिसकी वजह से पकरीबरवाडीह एनटीपीसी कोल परियोजना बड़कागांव के अंतर्गत 5.5 लाख टन कोयले में आग लगी हुई है.
एक महीने से ठप है काम
बड़कागांव में एनटीपीसी का कोल खनन परियोजना चल रहा है. जिसमें कोयले का उत्खनन और ट्रांसपोर्ट त्रिवेणी सैनिक कंपनी करा रही है. ग्रामीण 2013 कानून को लागू करने के साथ-साथ नौकरी और मुआवजा की मांग कर रहे हैं. ऐसे में एनटीपीसी का कोयले का उत्खनन कार्य के साथ-साथ ढुलाई का कार्य पिछले 1 महीने से बंद है. 1 महीने पूर्व निकाला गया कोयला अब डंप में ही आग पकड़ रहा है. हालांकि, एनटीपीसी के अधिकारी और त्रिवेणी सैनिक कंपनी के कर्मी कोयले में लगी आग को बुझाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. कई जगह पर आग पर काबू भी पा लिया गया है. अगर जल्द कोयले का उठाव नहीं हुआ तो आग फिर से लगने की संभावना है.
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नहीं बन रही बात
ऐसे में एनटीपीसी के पदाधिकारी भी कह रहे हैं कि वो लोग रैयतों के साथ भी संवाद स्थापित करना चाह रहे हैं, पर बात नहीं बन रही है. जिससे ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो पा रहा है. अगर ट्रांसपोर्टेशन नहीं हुआ तो राष्ट्रीय क्षति होगी.