हजारीबाग: चौपारण थाना क्षेत्र के लोहार टोला स्थित जितेंद्र मेडिकल एजेंसी (दवा दुकान) में ड्रग्स इंस्पेक्टरों ने संयुक्त रूप से छापामारी की. इस दौरान दवा दुकान में रखे दवा और उसके साथ कागजात की लगभग डेढ़ घंटे तक जांच की गई. वहां से जांच टीम बसरिया जाकर दवा दुकान की जांच की. जिसमें डॉ. बसंत नारायण सिंह उच्च विद्यालय बसरिया के पास राजा मेडिकल और शर्मा मेडिकल का नाम शामिल है.
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जांच के क्रम में पाई गई कई गड़बड़ियां
जांच के बाद ड्रग्स इंस्पेक्टर चंदन प्रसाद कश्यप ने बताया कि निदेशक औषधि राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय झारखंड, नामकुम (रांची) की ओर से गठित जांच दल ने शिकायत के आलोक में जांच की. उन्होंने यह भी बताया कि जांच के दौरान कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई. ड्रग्स इंस्पेक्टर ने जांच कर प्रतिवेदन वरीय पदाधिकारियों को सौंप दिया जाएगा. जिसके बाद दोषी पाए जाने पर दवा दुकान के संचालक पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जांच में पाई गई गड़बड़ी के सवाल पर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने कहा कि यह विभाग की गोपनीय बात है. इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. मौके पर महिला एसआई इश्वरी आशा बाडा सहित कई पुलिस बल उपस्थित थे.
चोर के दाढ़ी में तिनका
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जब भी जांच टीम चौपारण आने की भनक लगती है तो 'चोर के दाढ़ी में तिनका' वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है. जांच टीम पहुंचते ही जीटी रोड सिंघरावा से चोरदाहा तक और बेढ़ना से रामपुर तक इसके अलावे अन्य सभी दवा दुकान और झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक शटर फटाफट गिरने लगता है. इसके पहले या बाद में दवा दुकानदार और झोलाछाप डॉक्टर अपने को एमबीबीएस से कम नहीं समझते हुए सबकुछ नियमानुसार कहने से नहीं थकते लेकिन वास्तविकता तब पता चलता है जब छापेमारी दल पहुंच जाता है.
छापेमारी का नहीं होता असर
अवैध रूप से संचालित दवा दुकान और झोला छाप डॉक्टरो के निजी क्लीनिक में छापामारी के बाद भी कोई असर होता नहीं दिखाई देता है. उक्त बातें विधायक के स्वास्थ्य विभाग प्रतिनिधि अभिमन्यु प्रसाद भगत ने कहा है. भगत ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे अवैध क्लीनिक हैं, जिन्हें प्रशासन की ओर से सील कर दिया गया है. उसके बावजूद वहां अवैध कारोबार बेखौफ जारी है, उस पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए.