हजारीबागः चैत महीने में इतनी भारी बारिश शायद ही कभी हुई होगी. इस साल जिले में बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पिछले कई दशकों में ओलावृष्टि के साथ रिकॉर्ड भारी बारिश लोगों ने कभी नहीं देखी होगी. इस कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है. भारी ओलावृष्टि और रिकॉर्ड बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों के खेतों में लगाए गए गेहूं, टमाटर, आलू, प्याज, लहसुन, लौकी, फुलगोभी के अलावा तमाम साग सब्जी पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.
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इस बारिश में किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच आई हैं. किसान को चिंता है कि अब आगे क्या होगा. क्योंकि पिछले 3 माह में बेमौसम बारिश से खेत में लगे फसलों को भारी नुकसान हुआ था. शनिवार को रात में घंटों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की बची उम्मीद भी तहस-नहस कर दी.
किसानों का कहना है कि इतना भारी नुकसान पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं हुआ. किसानों को चिंता सताने लगी है कि परिवार का भरण पोषण कैसे होगा, क्योंकि खेती ही लोगों के जीवन उपार्जन का एकमात्र साधन है. अगर बड़कागांव की बात की जाए तो करोड़ों की फसल वहां नष्ट हो गई है. वहीं, केरेडारी में भी लाखों की फसल और अनाज बर्बाद हो चुके हैं.
हजारीबाग सदर प्रखंड में बारिश के चलते सब्जियों के साथ-साथ फसल पर भी बुरा असर पड़ा है. सरसों की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो चुकी है. वहीं, धान भी बर्बाद हो गया है. कुछ सब्जी बची है उस पर अब कीट पतंगों का प्रकोप बढ़ जाएगा.
किसानों की स्थिति को देखते हुए अब हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग किया है कि इन्हें मुआवजा दिया जाए ताकि वो अपनी खेती फिर से कर सकें. उन्होंने कहा कि ऐसे मौसम का प्रकोप कभी देखने को नहीं मिला और सबसे अधिक प्रभावित हुआ है तो किसान. किसानों को अब अधिक से अधिक मदद मिलनी चाहिए.