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चुनावी रंग में रंगा हजारीबाग, कांग्रेस उम्मीदवार डॉक्टर आरसी मेहता ने ईटीवी से की खास बातचीत

कांग्रेस ने डॉक्टर आरसी मेहता को चुनावी मैदान में उतारा है, जो आम जनता के बीच अहम और ज्वलंत मुद्दों को लेकर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हजारीबाग में कई समस्या है और उन समस्याओं को लेकर वह जनता के बीच में जाएंगे और वोट देने की अपील करेंगे.

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Published : Nov 17, 2019, 5:22 PM IST

हजारीबाग: झारखंड पूरे चुनावी रंग में रंग चुका है. ऐसे में उम्मीदवार जनता के बीच पहुंच रहे हैं और उनका आशीर्वाद मांग रहे हैं. हजारीबाग में भी चुनाव का रंग पूरे चरम सीमा पर है. जहां एक ओर स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल अपने 5 साल का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर वोट मांग रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस के डॉक्टर आरसी मेहता भी चुनावी दंगल में उतर चुके हैं.

डॉक्टर आरसी मेहता से खास बातचीत

'चिकित्सा के क्षेत्र में उन्हें काम करने की इच्छा'
कांग्रेस ने डॉक्टर आरसी मेहता को चुनावी मैदान में उतारा है, जो आम जनता के बीच अहम और ज्वलंत मुद्दों को लेकर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हजारीबाग में कई समस्या है और उन समस्याओं को लेकर वह जनता के बीच में जाएंगे और वोट देने की अपील करेंगे. जिसमें खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा है. उनका कहना है कि वह चिकित्सक हैं इसलिए चिकित्सा के क्षेत्र में उन्हें काम करने की इच्छा है.

'पूंजीपतियों की सरकार'
आरसी मेहता ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि चिकित्सा और राजनीति दोनों सेवा की भावना से किया जाता है. उनका कहना है कि उन्होंने चिकित्सा सेवा की भावना से किया और कई गरीबों के साथ खड़े रहे. अब चाहते हैं कि राजनीति में भी वे सेवा के भाव से काम करें. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि हजारीबाग में जनता को ठगने का काम किया गया है और पूंजीपति की यह सरकार रही है.

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विरोध का सामना भी करना पड़ रहा
दूसरी ओर हजारीबाग कांग्रेस प्रत्याशी को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है. हजारीबाग के जिला अध्यक्ष ने पद से इस्तीफा दे दिया है और कई कार्यकर्ता ने पार्टी को छोड़कर दूसरे पार्टी का दामन थाम लिया है. ऐसे में प्रत्याशी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कार्यकर्ताओं को एकजुट करना होगा. क्योंकि चुनाव कार्यकर्ता के बल पर लड़ा जाता है. ऐसे में उनका कहना है कि कोशिश कर रहे हैं कि जो कांग्रेस कार्यकर्ता खफा चल रहे हैं उन्हें मनाया जा सके. लेकिन अहम बात यह है कि जो नए जिला अध्यक्ष ने पदभार लिया है वह उनका भी नाम नहीं जानते हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं के साथ कैसे उनका संबंध स्थापित होगा यह भी एक बड़ा सवाल रहेगा.

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