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करतब में करियर! हजारीबाग के हुनरमंद स्टंटबाज चाहते हैं एक अदद प्लेटफॉर्म - children of hazaribag looking for career

चार दोस्तों ने मस्ती मजाक में स्टंट सीख लिया, आज कई लोग उनके कायल हैं. इनका बॉडी बैलेंस देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे. आज हजारीबाग के बच्चे स्टंट में करियर तलाश कर रहे हैं. ये बॉडी बैलेंसिंग में करियर बनाने के लिए एक प्लेफॉर्म चाहते हैं.

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करतब में करियर

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Published : Dec 28, 2021, 7:34 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 8:32 PM IST

हजारीबागः बचपन जीवन का एक सुनहरा पल होता है. बचपन को खुश होने के लिए किसी बड़ी चीज की जरूरत नहीं होती. छोटे-छोटे बच्चे दोस्तों के साथ मस्ती शरारत और छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढ लेते हैं. सही मायने में यही जिंदगी है. हजारीबाग के चार दोस्तों ने मस्ती मस्ती में स्टंट सीख लिया और आज कई लोग उनके कायल हैं. करतब में अपना करियर ढूंढते बच्चे एक अदद मंच और मौके की ताक में हैं. जिससे ये अपना हुनर दुनिया के सामने ला सके.

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जीवन में लक्ष्य बनाना बेहद जरूरी होता है. अगर उद्देश्य ना हो तो जीवन व्यर्थ हो जाता है. हजारीबाग के चार दोस्त जो एक साथ पढ़े, खेलें और अब एक साथ ही डांस के साथ-साथ स्टंट में अपना करियर बनाना चाहते हैं. अगर घर में स्टंट का नाम ले तो पिटाई होना भी लाजमी है. ऐसे में चोरी छुपे पार्क मैदान में प्रैक्टिस करते हैं. अब इनकी प्रैक्टिस मुकाम तक पहुंच रहा है. लोग जो इन्हें स्टंट करते हुए देखते हैं, वो भी कहते हैं कि गजब का बैलेंस है.

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हजारीबाग के बच्चे स्टंट में करियर तलाश कर रहे हैं. वो अपने करतब से बॉडी बैलेंसिंग में करियर बनाना चाहते हैं. लेकिन इनके घरों में पैसे की कमी है, इस कारण वह कोचिंग या महंगी ट्रेनिंग नहीं ले सकते. डांस सीखने का मन था तो इसके लिए भी पैसे की जरूरत थी. ऐसे में यूट्यूब की मदद से करतब सीखा और अब इनकी तमन्ना है कि वो टेलीविजन की दुनिया में चल रहे रियलिटी शो में हिस्सा ले. बच्चे कहते हैं कि आजकल करियर बनाने के कई ऑप्शन खुल गए हैं. ऐसे में वो सोचते हैं क्यों ना डांस और स्टंट में अपना कैरियर बनाएं. ऐसे में हम लोग पढ़ाई से समय निकालकर प्रैक्टिस किया और अब इच्छा है कि अपना करियर इसी में बनाएं.

जिस पार्क में वो प्रैक्टिस कर रहे थे उसके संचालक भी कहते हैं कि जब मैंने इन्हें देखा तो आश्चर्य हुआ कि हमारे बीच में कई ऐसे बच्चे हैं, जिनमें कुछ अलग टैलेंट है. उनका कहना है कि वो आर्थिक रूप से बच्चों की मदद करने के लिए तैयार हैं. मनोज का कहना है कि हजारीबाग जैसे छोटा शहर में अगर टैलेंट है तो उसे निखारने की जिम्मेदारी सभी लोगों की होनी चाहिए. स्टेज पर बच्चों के करतब लोगों ने कई बार देखा है. लेकिन इसके पीछे का संघर्ष और कड़ी मेहनत के बारे में कोई नहीं सोचता. ये बच्चे उसी कड़े परिश्रम और संघर्ष से खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. जरूरत है ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करने की. जिससे इनका अनोखा हुनर दुनिया के सामने आए और जिला के साथ साथ प्रदेश और देश का नाम रोशन हो.
Last Updated : Dec 28, 2021, 8:32 PM IST

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