हजारीबाग: पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब. यह उन दिनों की कहावत है जो आज के समय में चरितार्थ नहीं होती. आज के समय में बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल की दुनिया में भी परचम लहरा रहे हैं. कुछ ऐसा ही सपना संजो कर बच्चे हजारीबाग के डीटीओ ऑफिस के पास स्केटिंग सीख रहे हैं. ताकि वे अपना कैरियर इस खेल में बना सके और अपने परिवार समेत राज्य का नाम रोशन कर सकें.
स्केटिंग खेल का मजा ले रहे बच्चे
देश के बड़े शहरों की तर्ज पर हजारीबाग में भी बच्चे स्केटिंग खेल का मजा ले रहे हैं. बच्चे न केवल स्केटिंग का मजा ले रहे हैं बल्कि एक खेल की तरह इसे इस्तेमाल कर सीखते हुए आगे बढ़ रहे हैं. सादिक ने बताया कि यह खेल मानसिक रूप से लेकर शारीरिक रूप में भी हम लोगों को मदद करता है. हम खुद को कैसे बैलेंस करें यह सीखते हैं. वहीं, उनका यह भी कहना है कि हम लोगों के लिए खेलने के लिए वैसा कोई जगह भी नहीं है. अगर हम लोगों को जगह मिलेगा तो और हमलोग अच्छा से सीख पाएंगे. इस खेल के जरिए अपने जिला और राज्य का नाम रोशन कर सकते हैं.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले छात्र कहते हैं कि मुझे स्केटिंग देखने में काफी मजा आ रहा है. पहले मैं सिर के बल चला करता था. मेरे पिता ने देखा कि मैं काफी अच्छा कर रहा हूं. मेरे पिता ने मुझे काफी सपोर्ट किया. मैं 1 मिनट में 134 स्टेप चल सकता हूं. अब मैं अपना बैलेंस स्केटिंग में बना रहा हूं ताकि और भी अच्छा कर सकूं.