हजारीबाग: देश शक्ति की पूजा कर रहा है लेकिन हजारीबाग में शक्ति स्वरूप मानी जाने वाली नाबालिग बच्ची के साथ क्रूरता की हदें पार कर दी गई है. जिसे देखकर कोई भी कांप जाएंगे. बड़कागांव प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार की पत्नी पर हजारीबाग सदर अस्पताल में इलाज कराने आई नाबालिग बच्ची और उसके पिता ने गंभीर आरोप लगाए हैं. नाबालिक बच्ची ने अपने चेहरे में दाग और सीने पर जले हुए दाग दिखा कर बताया कि उसे काफी प्रताड़ित किया गया.
बच्ची से अक्सर होती थी मारपीट
दरअसल, बड़कागांव के रहने वाले विनय महतो ने सोहादी गांव की रहने वाली नाबालिक बच्ची को बड़कागांव के बीडीओ राकेश कुमार के यहां घरेलू नौकरानी के रूप में काम में लगाया था. 4 महीने पहले उसे गांव से 3500 देने की बात कही गई थी लेकिन उसे एक भी रुपया नहीं दिया गया. बल्कि उसके साथ जोर जबरदस्ती और मारपीट की गई. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उन चार महीनों में उसके साथ हर दिन मारपीट की जाती थी और आधा पेट खाना देकर रखा जाता था.
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पैसे चोरी का लगाया आरोप
हद तो तब हो गई जब बच्ची ने मिठाई खाई तो बीडीओ राकेश कुमार की पत्नी ने आयरन से उसके पूरे बदन को जला दिया. यहां तक की उसके सीने में भी जले के निशान हैं, लगभग 10 दिन पहले बीडीओ की पत्नी ने उस पर 200 रूपए चोरी का आरोप लगाकर उसकी जमकर पिटाई की और नाखून से उसके पूरे बदन को नोच डाला. यहां तक की उसके बाल भी नोच खींच दिए. इससे भी मन नहीं भरा तो उसने गर्म पानी में उस नाबालिग बच्ची के हाथ डाल दिए. जिससे पूरा हाथ जल गया स्थिति गंभीर हुई तो 10 दिनों तक उसका इलाज बंद कमरे में कराया गया. बाद में जाकर बड़कागांव चौक उसे छोड़ दिया गया. किसी तरह अपने घर पहुंची और वहां से उसे इलाज के लिए रांची ले जाया गया.
चाइल्ड हेल्पलाइन ने दिखाई गंभीरता
हजारीबाग आने के बाद जब दर्द कम नहीं हुआ तो परिवार सदर अस्पताल पहुंचा और उसका वहां इलाज चल रहा है. हजारीबाग के डॉक्टरों का कहना है कि उसके सिर पर किसी चीज से मारने की चोट भी लगी है. इस कारण उसे भर्ती करना पड़ेगा, इसकी जानकारी जब चाइल्ड हेल्पलाइन को मिली तो उसके भी प्रतिनिधि पहुंचे और इस बात को लेकर गंभीरता दिखाया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. चाइल्ड हेल्पलाइन की महिला का कहना है कि पीड़ित के बदन में मौजूद जख्म इस बात की ओर इशारा करते हैं कि उसे दर्दनाक रूप से प्रताड़ित किया गया है.
बीडीओ ने खारिज की बातें
जानकारी के अनुसार पीड़ित परिवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से पैसे भी दिए गए हैं ताकि वह इस बात को तुल ना दें. वहीं जब इस बात को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार से ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उन्होंने सारी बातों को खारिज कर दिया.