हजारीबाग: विलुप्त होती जनजाति बिरहोर को संरक्षित करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. इसी क्रम में एक्शन प्लान भी बनाया गया है. जिसके तहत बिरहोर को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, घर और पेयजल उपलब्ध कराना है. यहां तक कि उन्हें रोजगार से भी जोड़ना है. जिसके फलस्वरूप आज ये लोग पक्के मकान में रह रहे हैं. बता दें कि बिरहोर जनजाति के लोग किसी जमाने में कुंबा में रहा करते थे, लेकिन आज यह कुंबा विलुप्त होता जा रहा है. क्योंकि उसकी जगह सरकार के दिए हुए पक्के मकान ने ले ली है. आज हम आपको बताएंगे बिरहोरों के पुरातन घर कुंबा के बारे में.
हजारीबाग के चौपारण प्रखंड में चोरदाहा बिरहोर टंडा है. टंडा उस जगह को बोलते हैं जहा बिरहोर सामूहिक रुप से रहते हैं. तो यहां अब लगभग 20 बिरहोर परिवार रहते हैं. इनके रहने के लिए अब जिला प्रशासन ने पक्के घर की व्यवस्था कर दी है. बिरहोर जनजाति प्रकृति से सबसे नजदीक माने जाते हैं. इस कारण उन्हें प्रकृति के बीच में ही बसाया जाता है. जंगल हरे-भरे इलाकों के बीच उनका टंडा बनाया जाता है. पहले यह मट्टी, घास, बांस से बनाए हुए छोटे-छोटे गोलाकार कमरा बनाते हैं. जिसे कुंबा कहा जाता था.
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