हजारीबाग: जिले में बरही में हुए तनाव के बाद से ही धारा 144 लगाया गया है. प्रशासन ने सभी को प्रोटोकॉल के तहत काम करने का आदेश भी जारी किया है. इसके बावजूद सत्ताधारी पक्ष की विधायक अंबा प्रसाद ने धारा का उल्लंघन किया और चट्टी बरियातू पंचायत में जनसभा में हिस्सा लिया. बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने जनसभा में विस्थापितों को आंदोलन करने की बात भी कहीं गई. विधायक ने स्पष्ट किया कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी यहां उत्खनन कार्य भी नहीं होने दिया जाएगा. दूसरी ओर विधायक अंबा प्रसाद की जनसभा से 200 मीटर की दूरी पर उनका विरोध करते हुए काला झंडा दिखाया गया और अंबा प्रसाद वापस जाओ के नारे लगाए गए.
चट्टी बारियातू पंचायत में एनटीपीसी का कोयला खनन कार्य प्रस्तावित है. कोयला उत्खनन होने के पहले ही यहां शह और मात का खेल शुरू हो गया है. चट्टी बरियातू कोल परियोजना से विस्थापित गांव झुमरी टांढ में 6 सूत्री मांग को लेकर विस्थापित रैयतों ने जनसभा किया. इस जनसभा में विधायक अंबा प्रसाद ने भी हिस्सा लिया. विधायक ने एनटीपीसी चट्टी बरियातू कोल माइंस प्रबंधन और आउट सोर्सिंग एजेंसी ऋत्विक एएमआर के सामने छह सूत्री मांगें रखी. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक रैयतों की मांग पूरी कंपनी नहीं होती है, तब तक कोई काम नहीं होगा. अंबा प्रसाद ने लोगों को कहा कि आप टेंट लगाकर आंदोलन करें आपको राशन से लेकर हर तरह के मदद हमारे तरफ मिलेगी.
NTPC के खिलाफ जनसभा में शामिल हुईं अंबा प्रसाद, कहा- जबरन काम करना करें बंद वरना झेलना होगा कड़ा विरोध - चट्टी बारियातू पंचायत में एनटीपीसी
हजारीबाग के बरही में हुए तानाव के बाद से ही जिले में धारा 144 लगा हुआ है. इस दौरान किसी को भी सभा या प्रदर्शन करने की मनाही है. इसके बावजूद बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद एनटीपीसी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में शामिल हुईं. यहां उन्होंने साफ कहा कि जब तक विस्थापितों की मांगें पूरी नहीं होंगी यहां उत्खनन कार्य भी नहीं होने दिया जाएगा.
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बैठक में विस्थापित ग्रामीणों ने पुरजोर तरीके से कंपनी और उनकी नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया. अंबा प्रसाद ने कहा कि जब तक एनटीपीसी कंपनी प्रबंधन ग्रामीणों की सभी मांगें पूरा नहीं करता तब तक खनन कार्य किसी भी कीमत पर चालू नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर कंपनी जबरदस्ती काम करना जारी रखेगी तो मजबूरन विस्थापित ग्रामीण उनका विरोध करेंगे और धरना प्रदर्शन करने को विवश हो जाएंगे.
एक तरफ विधायक अंबा प्रसाद विस्थापित रैयतों के साथ जनसभा कर रहीं थीं तो वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम स्थल से महज 200 मीटर की दूरी पर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. ग्रामीण हाथ में तख्ता और काला झंडा लेकर अंबा प्रसाद वापस जाओ के नारे लगाए. विरोध कार्यक्रम का नेतृत्व कोयला खनन विकास समिति के संग्रक्षक मो. आरिफ ने बताया कि ग्रामीण भू-रैयत अपनी लड़ाई लड़ने के खुद सक्षम है विधायक को उनकी फिक्र करने की जरूरत नहीं है.