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हजारीबागः कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की किसानों से अपील, रखें सब्र, जल्द खुलेंगे धान क्रय केंद्र - Agriculture Minister Badal Patralekh appeal from farmers

हजारीबाग में धान की फसल भारी मात्रा में हुई है. वहीं, कुछ दिनों पहले फसल बिचौलियों के माध्यम से बेचे जाने की खबर प्रकाश में आई थी. इसी सिलसिले में एकदिवसीय दौरे पर जिला पहुंचे कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने सरकार की ओर से जल्द से जल्द धान क्रय केंद्र की अच्छी व्यवस्था की बात कही.

Agriculture Minister Badal Patralekh appeal from farmers
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Published : Dec 13, 2020, 1:46 PM IST

हजारीबाग: इस बार पूरे सूबे में धान की बंपर खेती हुई है. किसान के खेत धान से भरे पड़े हैं, लेकिन समय बीत जाने के बाद भी धान की खरीदारी सरकार की ओर से नहीं की जा रही है. ऐसे में किसान काफी चिंतित भी हैं और औने-पौने दाम में धान बेच रहे हैं. सरकार ने किसानों को सब्र करने की बात कहा है. उनका कहना है कि बहुत जल्द धान खरीदा जाएगा और 3 दिनों के अंदर पैसे खाते में आ जाएंगे.

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धान खरीदारी का समय धीरे-धीरे बीतता जा रहा है. इसका फायदा बिचौलिए उठा रहे हैं. ईटीवी भारत ने कुछ दिन पहले दिखाया था कि कैसे हजारीबाग में रैक के रैक धान दूसरे राज्यों में बिचौलियों के माध्यम से बेचे जा रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठ रहा था कि आखिर सरकार क्यों विलंब कर रही है. हजारीबाग में एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किसानों से अपील की है कि वह थोड़ा सब्र रखें. उन्होंने कहा कि किसानों का उपजाया हुआ फसल सरकार खरीदेगी. इस बाबत जो सेंटर धान खरीद के लिए बनाए जाएंगे वह विधायकों की अनुशंसा से होगी. उन्होंने कहा कि सरकार अच्छी कीमत पर धान खरीदेगी. अगर जरूरत पड़ी तो मोबाइल क्रय केंद्र भी बनाए जा सकते हैं.

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वहीं, बादल पत्रलेख का यह भी कहना है कि पिछले साल 3.7 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई थी. इस बार सरकार तीन गुना तक लगभग 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की योजना बना रही है. इस बाबत आने वाले दिनों में कैबिनेट में भी मामला आने वाला है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट से पास करा कर धान खरीदे जाएंगे. 3 दिनों के अंदर आधा पैसा किसानों को उनके अकाउंट में आरटीजीएस किया जाएगा. इसके लिए फंड की भी व्यवस्था की जा रही है. बहुत जल्द यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

जहां एक ओर किसान सरकार की ओर धान की खरीदारी के लिए टकटकी निगाह लगाए हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर सरकार ने भी कई दावे किए हैं, लेकिन अब दावे कब पूरे होंगे यह देखने वाली बात होगी. अगर अधिक समय बीतता चला गया तो किसान मजबूरी वश अपनी फसल बिचौलियों को औने-पौने दामों में बेचने को विवश हो जाएंगे.

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