हजारीबाग: जिले की पुलिस को सफलता मिली है, जिसने बसंत गंझू उर्फ पुरुषोत्तम मंझू को कटकमदाग थाना क्षेत्र के जमुआरी जंगल से अपने साथियों के साथ मीटिंग करने के दौरान गिरफ्तार किया है. हजारीबाग एसपी को गुप्त सूचना मिली थी, उसी के आधार पर टीम गठन कर ऑपरेशन चलाया गया और उपलब्धि मिली है.
प्राथमिकी दर्ज
हजारीबाग बिष्णुगढ़ एसडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि कुख्यात पूर्व जेपीसी कमांडर पुरुषोत्तम गंझू और उसके साथी बैजनाथ को मौके से गिरफ्तार किया गया. उनकी निशानदेही पर ही संगठन के अन्य साथी राजेश कुमार यादव, संजय कुमार पांडेय, मोहम्मद वारिस को विभिन्न क्षेत्रों से गिरफ्तार किया गया है. जिनके पास से भारी मात्रा में हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. इस संबंध में कटकमदाग थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कर दी गई है.
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हत्या, वसूली की घटना को देता था अंजाम
बता दें कि पूर्व जेपीएससी कमांडर बसंत गंझू सितंबर 2019 में जेल से निकलने के बाद सुजीत सिन्हा और अमन साव के निर्देश पर हजारीबाग, चतरा, लातेहार, रामगढ़, रांची के कोल व्यवसायियों और कोल परियोजनाओं के ठेकेदारों, ईट भट्ठा मालिक और अन्य व्यवसायियों को डरा धमका कर अवैध लेवी की वसूली कर रहा था. इसी क्रम में उसने शिवपुर रेलवे साइडिंग दिसंबर 2019 माह में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी.
हथियार बरामद
साथ ही जनवरी 2020 में कटकमदाग थाना क्षेत्र के मोहनिया नदी लाइन होटल के पास कोल वाहन ट्रक पर फायरिंग और आग लगाने की घटना को अंजाम दिया था. अमन साव की गिरफ्तारी के बाद बसंत गंझू अपने पूर्व संगठन जेपीसी को फिर संगठित कर नए लड़कों को जोड़ने की योजना बना रहा था. बसंत गंझू वर्तमान में खुद को जेपीसी का उग्रवादी संगठन का सुप्रीमो घोषित भी किया था. इनके पास से पांच पिस्टल और लगभग 30 कारतूस भी बरामद किया गया है.
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पुलिस खंगाल रही आपराधिक इतिहास
बसंत गंझू के पर हजारीबाग और विभिन्न जिलों में 22 अलग-अलग मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. वहीं, इन्हें 5 जिलों की पुलिस भी तलाश रही थी. बैजनाथ पर भी विभिन्न थानों में 7 मामले दर्ज हैं. अन्य के आपराधिक इतिहास को पुलिस खंगालने में जुटी हुई है. पुलिस का मानना है कि इनकी गिरफ्तारी से क्षेत्र में अपराध का ग्राफ गिरेगा.