हजारीबाग: लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा से गुरुवार देर शाम 22 कैदियों को रिहा किया गया. राज्य सजा पुनरीक्षण कमेटी के निर्णय के बाद कैदियों को रिहा किया गया है. इनमें वह कैदी है जिन्होंने 15 साल से अधिक की सजा काटी है. ऐसे कैदियों को उनके परिवार वाले भी लेने के लिए सुबह से ही जेल परिसर के सामने खड़ा रहे और जब उनके परिजन सामने आए तो आंखें भी छलक पड़ी.
अपनों से दूर रहने का दर्द जेल में बंद कैदी ही जान सकते हैं. जब रिहा होते हैं तो आंखों से आंसू छलक जाते हैं. ऐसा ही कुछ हजारीबाग लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में देखने को मिला. 22 कैदियों को देर शाम रिहा किया गया, जिसमें एक परिवार के चार सदस्य भी इन 22 कैदियों में शामिल थे. जिनके बाहर निकलने के बाद उनके परिजन खुद को काबू में नहीं रख पाए और आंखें गमगीन हो गई. उनका कहना था कि आज हमारे जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है जब हमारे पिता और दो चाचा जेल से रिहा हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मन को भी जेल न जाना पड़े.