गिरिडीह: जिले की एक युवती द्वारा सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट करने के बाद पुलिस महकमा में हंगामा मच गया. युवती के ट्वीट के बाद सीएम ने जैसे ही री-ट्वीट कर मामले की जांच करते हुए कार्यवाई का आदेश दिया तो महकमा रेस हो गया. आनन-फानन में युवती को मुफस्सिल थाना बुलाया गया. थाना में प्रशिक्षु आईपीएस मुकेश लुनायत, एसडीपीओ बिनोद रवानी और इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर ने पूरे मामले की जानकारी ली.
इस दौरान युवती ने बताया कि 18 मार्च की रात को गोविंद और सूरज दास ने उसको गाली दिया. इसका आवेदन उसने उसी दिन मुफस्सिल थाना आकर सब प्रशिक्षु एसआई गौरव कुमार को दी. आवेदन लेने के बाद उस मामले का समझौता करवा दिया गया. इसके बाद फिर 31 मार्च अश्विनी कुमार और उसके घरवाले उसके घर आ गए और मारपीट करने लगे. इस दौरान दुर्व्यवहार किया गया और कई तरह की धमकी दी गयी. इसके दूसरे दिन एक अप्रैल को वह थाना पहुंची और फिर आवेदन प्रशिक्षु एसआई गौरव कुमार की दी. इस आवेदन देने के दो दिनों बाद वह अपने भाई के साथ जब थाना पहुंची तो गौरव उसके साथ दुर्व्यवहार करने लगा और उसके भाइयों को भी पीटा. युवती का आरोप है कि प्रशिक्षु दारोगा ने उससे मोबाइल ले लिया और फेसबुक-ट्विटर के प्रोफाइल को चेक करने लगा.
वरीय पदाधिकारी से नहीं मिलने दिया गया
युवती का कहना है कि इस दौरान वह मुफस्सिल के थाना प्रभारी सह प्रशिक्षु आईपीएस मुकेश लुनायत और इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर से मिलने की कोशिश की, लेकिन गौरव ने पदाधिकारियों से उसे मिलने नहीं दिया. इस दुर्व्यवहार से आहत होकर उसने इसकी शिकायत सीएम को ट्विटर के माध्यम से कर दी.