गांडेय, गिरिडीहः जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के दुंदो गांव के एक मजदूर की मौत तीन दिन पूर्व चेन्नई में हो गई. गुरुवार को मृतक मजदूर का शव एंबुलेंस से गांव पहुंचा तो ग्रामीण उग्र हो गए और एंबुलेंस चालक को बंदी बनाकर घेर लिया. मजदूर के परिजन और ग्रामीण मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. जिसके बाद घटना की सूचना बेंगाबाद पुलिस को दी गयी. सूचना मिलते ही बेंगाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कराया.
जानकारी के अनुसार दुंदो निवासी रूपलाल मुर्मू का 20 वर्षीय पुत्र गोविंद मुर्मू चेन्नई में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. तीन दिन पूर्व बिजली का करंट लगने से उसकी मौत हो गयी. मजदूर की मौत के बाद कंपनी वालों ने एक एंबुलेंस से शव को गांव भेज दिया. इसके साथ में कंपनी की तरफ से दस हजार रुपया बतौर मुआवजा भी दिया गया था. लेकिन शव के गांव पहुंचने के बाद परिजन एवं ग्रामीण उग्र हो गए और दस हजार रुपया लेने से इनकार करते हुए अधिक मुआवजे की मांग को लेकर एंबुलेंस चालक और कर्मी को घेर लिया.
मजदूर के शव को लेकर पहुंचा एंबुलेंस को ग्रामीणों ने घेरा, मुआवजे की मांग को लेकर किया हंगामा
गिरिडीह के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के दुंदो गांव के एक मजदूर की मौत तीन दिन पूर्व चेन्नई में हो गई. गुरुवार को मृतक मजदूर का शव एंबुलेंस से गांव पहुंचा तो ग्रामीण उग्र हो गए और एंबुलेंस चालक को बंदी बनाकर घेर लिया. मजदूर के परिजन और ग्रामीण मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा करने लगे.
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पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत कराया गया. जिसके बाद मजदूर को चेन्नई लेकर जाने वाले कॉन्ट्रेक्टर से फोन पर बात की गई और मुआवजे की मांग से अवगत कराया गया. बताया जाता है कि मजदूर को चेन्नई ले जाने वाला कॉन्ट्रेक्टर भी स्थानीय निवासी है. कॉन्ट्रेक्टर द्वारा कंपनी से एक लाख रुपये बतौर मुआवजा मृतक के परिजनों को दिए जाने की शर्त पर ग्रामीण शांत हुए. मुआवजे की राशि स्थानीय कॉन्ट्रेक्टर द्वारा दिलाये जाने के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने एंबुलेंस चालक को जाने दिया. फिलहाल मृतक के आश्रितों को दस हजार रुपये का भुगतान किया गया है.