डुमरी, गिरीडीह: लॉकडाउन-3 में दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार द्वारा घर लाये जाने से जहां मजदूर और उसके परिजनों ने राहत की सांस ली है. वहीं, इन मजदूरों का गहन स्वास्थ्य परीक्षण के बगैर ही होम क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश से इन गांवों के ग्रामीण संक्रमण फैलने के डर से सहमे हैं. इससे बचने के लिए डुमरी प्रखंड के चैगड़ो गांव के ग्रामीणों ने एक नई पहल शुरू की है. इस गांव के ग्रामीणों ने अपने खर्च पर एक विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर गांव लौट रहे प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था की है.
बता दें कि पूरे राज्य में प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला जारी है, राज्य लौट रहे प्रवासी मजदूर ऐसे राज्यों से भी आ रहे हैं जो क्षेत्र महामारी का रेड जोन बना हुआ है. अभी तक प्रखंड में भी सैकड़ों प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांव लौट चुके हैं. इन मजदूरों की मात्र थर्मल स्क्रीनिंग कर होम क्वॉरेंटाइन में रहने का निर्देश देकर घर भेज दिया गया. इसे देखते हुए चैगड़ो के ग्रामीणों ने इस बारे में बैठक कर विचार विमर्श किया और गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने और इसमें आनेवाले खर्च का वहन ग्रामीणों ने मिलकर करने का निर्णय लिया है. चैगड़ो निवासी और पूर्व जिला परिषद सदस्य जीवाधन महतो ने कहा कि सरकार का प्रवासी मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन में रहने का आदेश व्यवहारिक नहीं है. इससे गांवों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है.