गिरिडीहः छह दिनों पूर्व जिले के बगोदर संतरूपी से जिस जमीन कारोबारी शमशेर आलम का अपहरण किया गया था, उसे सकुशल बरामद करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पांच दिनों तक जंगल में लगभग 150 किमी की पैदल यात्रा जिला पुलिस के अधिकारियों और जवानों को करनी पड़ी. घंटों एक ही जगह पर कई जवान खड़े रहे. अंधेरे में भी जवानों और अधिकारियों ने अपनी जगह नहीं छोड़ी. पूरी घेराबंदी के बाद जब अपराधियों को यह लगने लगा कि वे पकड़े जा सकते हैं तो अंततः शमशेर को छोड़कर अपराधी भाग निकले.
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शमशेर की बरामदगी के बाद गिरिडीह पुलिस ने राहत की सांस ली है. वहीं इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिन आरोपियों को पकड़ा गया है उनमें बगोदर के अटकाडीह निवासी खगेंद्र मंडल, हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना अंतर्गत किरतोडीह निवासी शौकत अंसारी और चकचुको निवासी राजकुमार दास शामिल हैं. इनके पास से एक देसी कट्टा, 01 जिंदा कारतूस और 07 मोबाइल बरामद किया गया है. पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ रंगदारी और आर्म्स के एक्ट के तीन केस दर्ज हैं. तीन केस में दो बगोदर तो एक विष्णुगढ़ थाना में दर्ज है.
इस सफलता के पीछे मेन्यूवल व टेक्निकल इनपुट ही सहारा बना है. इस पूरी सफलता की जानकारी सरिया बगोदर के एसडीपीओ नौशाद आलम ने ईटीवी भारत को दी है. बताया कि घटना के बाद जिला पुलिस के कप्तान अमित रेणू के निर्देश में काम शुरू हुआ. पहले घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज लिया गया. इसके बाद अपराधियों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी शुरू की गई. दो घंटे में यह साफ हो गया कि अपहरण की इस घटना को NSPM नामक आपराधिक संगठन ने ही अंजाम दिया है. यह भी साफ हो गया कि NSPM के सरगना उमेश गिरी उर्फ उमेश दास खुद ही अपहरणकांड को लीड कर रहा है. ऐसे में पुलिस कप्तान ने तुरंत ही वार रूम बनाते हुए टीम का गठन किया. टीम में सरिया-बगोदर एसडीपीओ के अलावा डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार, साइबर डीएसपी संदीप सुमन, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह, नवीन कुमार सिंह, बगोदर थाना प्रभारी सरोज सिंह चौधरी समेत कई अधिकारियों व जवानों को शामिल किया गया. अपराधियों की रिपोर्ट जमा की गई. टेक्निकल टीम ने अपना काम शुरू किया.
पुख्ता जानकारी के बाद जंगल की घेराबंदी