गिरिडीह: डुमरी विधानसभा क्षेत्र जिले के डुमरी और बोकारो के नावाडीह प्रखंड के साथ चन्द्रपुरा प्रखंड के 9 पंचायतों को मिलाकर बनाया गया है. यह पूरा इलाका नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के प्रभाव वाला है. राज्य के सबसे बड़े पर्वत पारसनाथ की तराई में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. पिछले 15 वर्षों से यह विधानसभा क्षेत्र जेएमएम के कब्जे में है. वर्ष 2005 से यहां के विधायक जगरनाथ महतो हैट्रिक लगा चुके हैं. जगरनाथ इस बार फिर जीत के प्रति आश्वस्त हैं.
जगरनाथ महतो का रिपोर्ट कार्ड सड़क और शिक्षा पर हुआ काम
तीन बार से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे जगरनाथ ने कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाया. सड़कों-पुलों का जाल बिछाया, बिजली को लेकर भी कई महत्त्वपूर्ण कार्य हुए. स्कूल और कॉलेज भी बनाये गए, लेकिन पानी की समस्या का पूरी तरह निराकरण नहीं हो सका. विधायक ने इस क्षेत्र को अनुमंडल का दर्जा भी दिलाया, लेकिन जिला नहीं बना सके.
अपने कार्य से संतुष्ट हैं विधायक
विधायक जगरनाथ महतो अपने कार्य से संतुष्ट हैं. विधायक का कहना है कि विकास का कार्य अनगिनत हुआ है. शिक्षा पर उन्होंने विशेष ध्यान दिया है वे हमेशा जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं. सुख-दुख में उन्होंने जनता को कभी अकेला नहीं छोड़ा. विधायक कहते हैं कि उन्होंने किसी से भेदभाव नहीं करते. पूरे विधानसभा में 29 पुल का निर्माण करवाया है. 5 पावर सब स्टेशन, कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण करवाया गया. कई जलापूर्ति योजना और सिचाईं के लिए भी काम हुआ. कोनार नहर परियोजना शुरू होने से सिंचाई सुविधा बेहतर हुई है.
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विपक्ष का आरोप, विकास पर नहीं रहा विधायक
इधर, विपक्ष विधायक जगरनाथ पर क्षेत्र की उपेक्षा, गुंडागर्दी को बढ़ावा और चहेते को योजनाओं का ठेका देने का आरोप लगाते हैं. भाजपा के प्रदीप साहू का कहना है कि विधायक 15 साल तक सिर्फ अपने चार-पांच लोगों से घिरे रहे. यहां गुंडाराज चलाने का प्रयास करते रहे. इसी तरह आजसू के बैजनाथ महतो भी विधायक पर उपेक्षा का आरोप लगाते हैं. विधायक के कार्यों से क्षेत्र की जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया है. ज्यादातर जनता का कहना है विधायक क्षेत्र ने सक्रिय रहते हैं.