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गंदा पानी पीने को मजबूर दलित बस्ती के लोग, स्कूल न जाकर बच्चे भी करते हैं जुगाड़ - झारखंड समाचार

भीषण गर्मी में गिरिडीह के दलित बस्ती के लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है. मजबूरन गांववालों को गंदा पानी पीकर गुजारा करना पड़ रहा है.

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Published : May 28, 2019, 3:35 AM IST

गिरिडीह: जिले के सदर प्रखंड के पपरवाटांड़ दलित बस्ती के लोग सालों भर पानी की समस्या से जूझते हैं. कड़ी मशक्कत के बाद जिस पानी की व्यवस्था हो पाती है वह भी पीने लायक नहीं रहता. गर्मी में तो इस बस्ती में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. घर के लोग सुबह से ही पानी की तलाश में जुटे रहते हैं. कोई सीसीएल कॉलोनी जाकर पानी लाता है तो कोई नाले में चुआं खोदकर गंदा पानी लाने को मजबूर है.

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यह स्थित उस इलाके की है जो न सिर्फ शहर से सटा हुआ है बल्कि सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के विकास क्षेत्र में आता है. वहीं इस बस्ती के ठीक बगल में न्यू पुलिस लाइन है. इसके पास में ही समाहरणालय का नया भवन भी बन रहा है. लगभग डेढ़ सौ परिवार वाले इस बस्ती के लोग बताते हैं कि यहां की स्थिति वर्षों से ऐसी ही है. गांव के दो कुएं सूख चुके हैं. सीसीएल का पेयजलापूर्ति पाइप लाइन इस गांव तक नहीं आया है. बड़ी बात है कि पानी के लिए यहां के बच्चों को भी भटकना पड़ता है और कभी-कभी तो ये बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं.

इस बारे में स्थानीय मुखिया हरगौरी साहू का कहना है कि वे लगातार प्रयास कर रहे हैं कि इस गांव की पानी की समस्या का हल निकल जाए. इसके लिए बंद पड़े डीप बोरिंग को शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. सीसीएल से भी बात की गई है ताकि पाइपलाइन यहां तक लाया जा सके और पानी की आपूर्ति इस गांव में हो. मुखिया का कहना है कि यह इलाका दो विधानसभा गिरिडीह और गांडेय और दो लोकसभा कोडरमा व गिरिडीह की सीमा पर अवस्थित है ऐसे में सांसद व विधायक इस इलाके के समुचित विकास के प्रति गंभीर नहीं हैं.

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