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नौकरी के नाम पर ठगी की प्राथमिकी करानेवाला युवक गिरफ्तार, खुद निकला मास्टर माइंड

सरकारी स्कूल में प्रशिक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर हुई ठगी के मामले में ठग को गिरिडीह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जिसने ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी, वही ठग निकला.

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Published : Aug 21, 2020, 10:23 PM IST

गिरिडीह: 60 लोगों से नौकरी के नाम पर 40 लाख की ठगी के मामले में इस बार नगर पुलिस ने कार्रवाई की है. नगर थाना पुलिस ने उत्तम कुमार नाम के युवक को गिरफ्तार किया है. उत्तम की गिरफ्तारी शुक्रवार की शाम को की गई. यह गिरफ्तारी ठगी के इसी मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुजूर ने नगर थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मामले में हुई है. जिस उत्तम कुमार को नगर थाना पुलिस ने पकड़ा है उसी उत्तम ने 13 अगस्त को ठगी की प्राथमिकी मुफस्सिल थाना में दर्ज करवाई थी.

ऐसे पकड़ा गया उत्तम
दरअसल, 13 अगस्त को मुफस्सिल थाना इलाके के सिहोडीह निवासी उत्तम कुमार के आवेदन पर मुफस्सिल थाना में नौकरी के नाम पर ठगी की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस प्राथमिकी की जांच शुरू की गई. एसपी अमित रेणु के निर्देश पर एसडीपीओ कुमार गौरव और मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर ने जांच शुरु की तो यह साफ हुआ कि फर्जी कागजातों के सहारे न सिर्फ नौकरी लगाने का खेल शुरू हुआ और कइयों को नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया.

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ठगी आ गया गिरफ्त में

इस पूरे खेल में स्किल इंडिया नेशनल बोर्ड ऑफ स्कलरशीप एंड स्किल डवलपमेंट के निदेशक के अलावा इस निदेशक के साथ जुड़े उत्तम कुमार और जिला शिक्षा पदाधिकारी का प्रधान लिपिक कौशल किशोर वर्मा भी शामिल है. ऐसे में संस्था के कथित निदेशक मनोज कुमार को रांची से पकड़ा गया. मनोज ने राज उगला तो डीईओ ऑफिस के प्रधान लिपिक को मुफस्सिल पुलिस ने पूछताछ के लिए पकड़ा. वहीं, जब साक्ष्य यह बताने लगा कि जिस उत्तम कुमार ने एफआईआर दर्ज करवाया है वह भी इस ठगी में शामिल है और पूरी उगाही उसके मार्फत की गई है. ऐसे में उत्तम भी पुलिस के हिरासत में आ गया.

पीआर बॉन्ड पर छूटते ही नगर पुलिस ने दबोचा
पूछताछ के बाद गुरुवार को मुफस्सिल पुलिस ने प्रधान लिपिक कौशल के साथ-साथ कांड दर्ज करवाने वाले उत्तम को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस बताती है कि इस दौरान उत्तम ने ठगी में शामिल रहने की बात स्वीकारी. गुरुवार की देर शाम को इस मामले में मुफस्सिल पुलिस ने डीईओ कार्यालय के प्रधान लिपिक कौशल को जेल भेज दिया. लेकिन वादी होने के कारण उत्तम को जेल भेजने में तकनीकी अड़चन आ गई. ऐसे में शुक्रवार को पुलिस ने उत्तम कुमार को पीआर बॉन्ड पर रिहा कर दिया. हालांकि, मुफस्सिल पुलिस के छोड़े जाने के बाद नगर पुलिस डीईओ की ओर से नगर थाना में दर्ज कराए गए मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. उत्तम की गिरफ्तारी नगर थाना प्रभारी सह मामले के अनुसंधानकर्ता आदिकांत महतो ने की. उत्तम को डीईओ की ओर से दर्ज प्राथमिकी में जेल भेजने की बात नगर पुलिस ने कही है.

डीईओ और गवाहों का लिया बयान
इधर, डीईओ नेशनल बोर्ड ऑफ स्कॉलरशीप एंड स्किल डवलपमेंट कार्यालय के निदेशक और उप निदेशक (नाम अज्ञात) और अन्य पर फर्जी तरीके से उन्हें दिग्भ्रमित कर अभ्यर्थियों का चयन कर अनावश्यक रूप से योगदान कराने के आरोप में दर्ज कराए गए प्राथमिकी का अनुसंधान नगर पुलिस ने तेज कर दिया है. मामले के अनुसंधानकर्ता आदिकांत शुक्रवार को डीईओ कार्यालय पहुंचे और डीईओ का बयान दर्ज किया. इसके अलावा कई आवश्यक दस्तावेज भी कार्यालय से प्राप्त किया. अब आईओ ने ठगी के शिकार कुछ युवकों का भी बयान दर्ज किया है.

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रिमांड पर लेने की तैयारी
अब जब उत्तम कुमार नगर पुलिस के गिरफ्त में है और उसने ठगी में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है तो पुलिस की कार्रवाई भी तेज हो गई है. बताया जा रहा कि ठगी मामले में मुफस्सिल पुलिस जेल भेजे गए मुख्य अभियुक्त मनोज कुमार को पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी. इसके अलावा डीईओ कार्यालय के प्रधान लिपिक कौशल किशोर वर्मा को भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है.

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