गिरिडीह/बगोदर: बगोदर प्रखंड के माहुरी के रहने वाले हुलास महतो के बच्चे डेढ़ साल से अपने पिता का इंतजार कर रहे हैं. पत्नी प्रमिला सहित परिवार के अन्य सदस्यों को भी हुलास का बेसब्री से इंतजार हैं. परिवार के सभी सदस्य यही कामना कर रहे हैं कि वह जहां भी हो सुरक्षित हो.
6 मई 2018 से अगवा
बता दें कि हुलास महतो अफगानिस्तान में 6 मई 2018 से अगवा है. अपने पिता का इंतजार करने वालों में हुलास महतो के बच्चे ही सिर्फ शामिल नहीं हैं, बल्कि बगोदर के घाघरा निवासी प्रकाश महतो एवं प्रसादी महतो के बच्चे और परिजन भी शामिल हैं.
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सात भारतीयों मजदूरों को अगवा कर लिया था
अफगानिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने सात भारतीय मजदूरों को अगवा कर लिया था. इसमें तीन मजदूर झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर और एक हजारीबाग जिले के टाटीझरिया प्रखंड के बेडम का रहने वाला है. इसमें बगोदर के एक मजदूर प्रकाश महतो की ढाई महीने पूर्व वापस आने की खबर आई थी. रिपोर्ट के मुताबिक उसे दिल्ली में रखा गया है और परिजनों को भी दिल्ली बुलाया गया है. मगर प्रकाश और उसके परिजन दिल्ली से वापस नहीं लौटे हैं.
तीन मजदूरों की रिहाई होने की खबर
अफगानिस्तान में अगवा मजदूरों में तीन मजदूरों की रिहाई होने की खबर आ रही है. तालिबान प्रतिनिधियों और अफगानिस्तान सरकार के बीच हुई वार्ता के बाद दो दिन पूर्व रविवार को तीन मजदूरों की रिहाई हुई है. रिहा हुए मजदूरों में काश बगोदर के भी मजदूर होते यह उम्मीद परिवार के सदस्यों के साथ जन प्रतिनिधियों और क्षेत्र के लोगों को भी है.
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सुषमा स्वराज से भी मिले थे परिजन
अगवा मजदूरों के परिजनों ने एक साल पूर्व दिल्ली पहुंचकर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी और उनकी सकुशल रिहाई और वतन वापसी की मांग की गई थी. उस समय सुषमा स्वराज ने परिजनों को इसके लिए आश्वस्त किया था. हालांकि मजदूरों की वापसी अबतक संभव नहीं हुई है. इस बीच सुषमा स्वराज का निधन भी हो गया.