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हाथी के पैर से टकराते ही बिखर गया मालगाड़ी का इंजन और डब्बा, झुंड से बिछड़े गजराज को खदेड़ने के दौरान हुआ हादसा - giridih news

गिरिडीग में ट्रेन की चपेट में आने से हाथी की मौत ने सबको आवाक कर दिया है. हालांकि इस घटना के पीछे हाथी का झुंड से बिछड़ना और हाथी को गांव से खदेड़ना ही कारण रहा. इस पूरी घटना में यह राहतवाली बात है कि जिस ट्रेन ने हाथी को टक्कर मारी वह मालगाड़ी थी, अगर यात्री गाड़ी रहती तो बड़ी क्षति हो सकती थी. देखिए ईटीवी संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की ग्राउंड रिपोर्ट.

Ground report of train accident in Giridih
Ground report of train accident in Giridih

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Published : May 7, 2022, 6:51 PM IST

Updated : May 7, 2022, 7:15 PM IST

गिरिडीह: नई दिल्ली से गया, धनबाद होते हुआ हावड़ा को जोड़ने वाला रेलखंड पर बड़ा हादसा हुआ है. यहां गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड क्षेत्र के गडैया चिचाकी स्टेशन के बीच डाउन पटरी पर पोल संख्या 338/06 के पास ट्रेन की चपेट में हाथी आ गया. इस बादसे में हाथी की मौत हो गई वहीं मालगाड़ी बीसीएन एचएल का इंजन और एक बोगी क्षतिग्रस्त होकर बेपटरी हो गया. कई घंटों की मशक्कत के बाद आवागमन सुचारु हो सका. इस घटना में हाथी को टक्कर मारने के बाद किस तरह मालगाड़ी का इंजन और डब्बा क्षतिग्रस्त हुआ और कैसे पूरी घटना घटी इसकी जानकारी ग्राउंड जीरो पर जाकर ईटीवी भारत के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा अपने सहयोगी धर्मेंद्र पाठक के साथ ली.

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झुंडा से बिछड़ा हुआ था हाथी:इस मामले पर वन विभाग के रेंज ऑफिसर सुरेश राम ने बताया कि सरिया और आसपास के इलाके में हाथी के दो झुंड चल रहे हैं. एक झुंड में 26-27 हाथी हैं जबकि दूसरे झुंड में दो हाथी हैं. यह दो हाथी अपने ही झुंड से बिछड़ गए हैं. शुक्रवार की रात को झुंड से बिछड़े हाथी को वन विभाग की क्यूआरटी गांव से बाहर कर रही थी. हाथी इसी दौरान भागते हुए पटरी की तरफ आ गए और मालगाड़ी ने हाथी के पिछले हिस्से में धक्का मार दिया.

ग्राउंड जीरो पर जायजा लेते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा
यात्री ट्रेन रहती तो हो सकता था बड़ा हादसा: रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरएन प्रसाद ने बताया कि इस दुर्घटना में रेलवे को काफी नुकसान हुआ है. लगभग 50 स्लीपर डैमेज हुए हैं, जिसमें बाद में 12 स्लीपर देकर परिचालन शुरू किया गया. वहीं लगभग 500 पेंडोल क्लिप (चाबी) टूट गए हैं, उसे भी लगाया गया. उन्होंने कहा कि अगर मालगाड़ी की जगह पैसेंजर ट्रेन रहती तो क्षति ज्यादा हो सकती थी.यहां बरतनी है सावधानी:रेंजर का कहना है किकोडरमा से लेकर निमियाघाट तक कई स्थानों पर जंगल के बीच से रेल पटरी गुजरी हैं. चूंकि इस इलाके के हाथी सेफ समझते हैं और आए दिनों हाथियों का विचरण होता रहता है ऐसे में इस इलाके में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
Last Updated : May 7, 2022, 7:15 PM IST

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