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22 पंचायतों के लिए महज 113 क्विंटल धान के बीज की मिली स्वीकृति, किसानों में नाराजगी

कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए लॉकडाउन में खासकर किसान और मजदूर वर्ग के लोगों को जूझना पड़ रहा है. गिरिडीह में किसानों के बीच सरकारी स्तर पर अनुदानित मूल्य पर धान बीज मुहैया नहीं हो रहा है. इससे किसानों और प्रवासी मजदूरों को बाजारों में बिकने वाले महंगी धान बीज लेने को मजबूर हैं.

Farmer upset over not getting paddy seed in giridh
धान बीज की कमी से किसानों में नाराजगी

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Published : Jun 25, 2020, 5:28 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड क्षेत्र कृषि बहुल इलाका है. जीविकोपार्जन के लिए अधिकांश किसान धान की खेती पर ही निर्भर रहते हैं. ऐसे में सरकारी स्तर पर कृषि कार्य को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, लेकिन इस बार पैक्सों को महज 113 क्विंटल धान बीज अनुदानित मूल्य पर किसानों के बीच वितरण किए जाने की स्वीकृति मिली है. इसमें भी स्वीकृत धान बीज पूरी तरह से नहीं भेजी गई है. जिससे किसानों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है.

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कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा की गई लॉकडाउन से खासकर किसान और मजदूर वर्ग के लोगों को जूझना पड़ रहा है. महानगरों में फंसने के बाद भारी मुश्किलों का सामना करने के बाद इलाके के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हुई है. घर वापसी होने के बाद रोजी रोजगार के संकट के बीच किसानों के पास कृषि कार्य एक मात्र विकल्प बचा हुआ है. ऐसे में किसानों के बीच सरकारी स्तर पर अनुदानित मूल्य पर धान बीज मुहैया नहीं हो रहा है. इससे किसानों एवं प्रवासी मजदूरों को बाजारों में बिकने वाले महंगी धान बीज लेने की मजबूरी है. इस संबंध में बीसीओ संगीता कुमारी ने बताया कि अनुदानित दर पर किसानों के बीच धान बीज वितरण के 02 हजार क्विंटल मांग की गई थी, लेकिन अब तक महज 113 क्विंटल धान बीज की स्वीकृति मिली है.

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