गिरिडीह:बगोदर प्रखंड के प्रवासी मजदूर गोविंद महतो का शव रविवार को कतर से गिरिडीह पहुंचा. एक महीने बाद मजदूर दिवस के दिन जैसे ही गांव में शव पहुंचा तो गांव में मातम पसर गया. वहीं, परिवार के लोग चित्कार दे दे कर रोते-बिलखते रहे. इससे माहौल गमगीन हो गया.
मजदूर दिवस के दिन कतर से गिरिडीह पहुंचा प्रवासी श्रमिक का शव, एक महीने पहले हुई थी मौत - गिरिडीह न्यूज
बगोदर प्रखंड के रहने वाले मजदूर गोविंद महतो की एक माह पहले दोहा में मौत गई थी. रविवार को मजदूर दिवस के दिन उनका शव गिरिडीह पहुंचा है. शव पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया.
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बर्फ की पेटी जैसे ही खोला गया तो शव देखकर माहौल गमगीन हो गया. परिजनों के अलावा जिसने भी शव को देखा सभी के आंखें नम हो गई. शव पहुंचा तो ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. चिलचिलाती धूप में लोग घंटों धूम में खड़े रहे. बगोदर के पूर्व विधायक नागेंद्र महतो, अनुमंडल सांसद प्रतिनिधि छोटेलाल यादव, इनौस के प्रदेश अध्यक्ष संदीप जायसवाल भी मौके पर पहुंचे थे. पूर्व विधायक ने पीड़ित परिजनों की हिम्मत बंधाई. उन्होंने घटना पर दुखद व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों की हित में नीति बनाए, ताकि श्रमिकों का शोषण बंद हो. प्रवासी मजदूरों के उत्थान पर काम करने वाले सिकंदर अली ने कहा कि कंपनी पर दबाव बनाया गया. इसके बाद परिजनों को बीमा, मजदूरी और मुआवजा आदि मिलाकर 13 लाख रुपए सहयोग करने पर सहमति बनी है. गोविंद महतो दो महीने पहले ही मजदूरी करने के लिए कतर गए थे. वे एलएनटी कंपनी में काम करते थे, जहां 24 मार्च को उसकी मौत हो गई थी.