गिरिडीह: मधुबन में कांग्रेस का चिंतन शिविर शुरू हो गया है. इस शिविर में उन मुद्दों पर चर्चा हो रही है जो चुनावी घोषणा में रहा है. इन मुद्दों पर कितना काम हुआ है और कितना होना बाकी है इसपर भी चर्चा हो रही है. इतना ही नहीं वर्ष 2024 के चुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई जा रही है.
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भाषा विवाद पर चर्चा:कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में संगठन को मजबूती देने पर चर्चा के साथ राज्य के हालिया विवाद खासकर भाषा विवाद, नियोजन मुद्दा, बेरोजगारी भत्ता, युवकों को रोजगार कैसे मिले इस पर भी चर्चा हो रही है.इसके अलावे कांग्रेस की नीति व कार्यक्रम को आमजनता तक पहुंचाने, कांग्रेस के कार्यकर्ताओ की जिम्मेदारी, जवाबदेही एवं मूल्यांकन. सांगठनिक विस्तार में पर बृहत रूप से विचार विर्मश किया जा रहा है.
कांग्रेस चिंतन शिविर में स्थानीय मुद्दों पर चर्चा:कांग्रेस की शिविर में विधायकों व सांसदों की भूमिका, आदिवासी, दलित, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं महिला वर्ग समूह का सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण, गठबंधन समन्वय सरकार एवं कांग्रेस संकल्प का क्रियान्वयन, 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण, पंचायत चुनाव, भूमि विस्थापन पूर्णवास पलायन एवं रोजगार सृजन सीएनटी- एसपीटी एक्ट एवं भूमि के स्थांतरण पर भी चर्चा होगी.
संगठन में आम जनता की सहभागिता:बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि संगठन में कैसे आम जनता की सहभागिता हो, चुनावी घोषणा पत्र पर हम कहां हैं इन विषयों पर चिंतन शिविर में चर्चा होगी. भाषा विवाद पर कहा की यह अलग विषय है लेकिन इस पर चर्चा होगी.
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राज्य की भाषा में हिंदी हो शामिल:बेरमो विधायक जयमंगल सिंह ने कहा कि भोजपुरी व मगही भाषा धनबाद व बोकारो में कभी भी जिलास्तरीय भाषा में रही ही नहीं. इसे जिला की भाषा का दर्जा मिलना ही नहीं चाहिए लेकिन हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी को राज्य स्तर पर दर्जा मिलना चाहिए. इस विषय पर भी इस शिविर में चर्चा होगी.
बाबूलाल की सदस्यता स्पष्ट नहीं:कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इस शिविर में जनता से जुड़ी सभी मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा सरकार के कार्यों कि समीक्षा होगी. वैसे हेमंत सरकार लगातार बेहतर कर रही है. किसानों का कर्ज माफ किया गया. इसके अलावा पिछली सरकार ने जो लैंड बैंक बनाया और उसमें उन जमीनों को डाल दिया गया जो गैरमजरुआ आम थी व लोगों के दखल में थी यह गंभीर विषय है और इसपर भी चर्चा होगी. बाबूलाल के मुद्दे पर कहा कि अभी तक बाबूलाल कि सदस्यता ही क्लियर नहीं है. पहले यह साफ हो की वे भाजपा के सदस्य हैं या नहीं.