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Mini Lockdown in Giridih: कोचिंग संचालकों ने किया मिनी लॉकडाउन का समर्थन, 15 जनवरी के बाद दी आंदोलन की चेतावनी - कोचिंग सेंटरों पर कोरोना का असर

कोरोना का प्रकोप बढ़ते जा रहा है. जिसके बाद सभी राज्यों में सख्ती बढ़ा दी गई है. झारखंड में मिनी लॉकडाउन लगा दिया गया है. गिरिडीह के कोचिंग संचालकों ने इस लॉकडाउन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. संचालकों ने 15 जनवरी तक प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है. लेकिन उसके बाद सरकार की ओर से गाइडलाइन को लेकर बेहतर पहल नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

Mini Lockdown in Giridih
कोचिंग संचालकों की सरकार को चेतावनी

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Published : Jan 5, 2022, 12:40 PM IST

Updated : Jan 5, 2022, 12:48 PM IST

गिरिडीह: पूरे देश समेत झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. गिरिडीह में भी केस बढ़े हैं. जिले में पिछले दिनों कई डॉक्टर समेत 25 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. नियम के अनुसार 15 जनवरी तक शैक्षिणक संस्थान को बंद किया गया है. कोचिंग सेंटर भी बंद रखने का निर्देश है. अब कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऑल प्राइवेट टीचर एसोसिएशन ने भी नई घोषणा कर दी है.

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कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऑल प्राइवेट टीचर एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना के प्रभाव को देखते हुए 15 जनवरी तक सभी कोचिंग सेंटर को बंद रखा गया है. जबकि ऑफिस, सिनेमा हॉल, बार, साप्ताहिक हाट, मॉल, शराब की दुकान और बाजार को क्षमता से 50 प्रतिशत लोगों की मौजूदगी के साथ खुला रखने का आदेश है. ऐसे में 15 जनवरी के बाद यदि कोचिंग सेंटर को बंद रखा जाएगा और बाकी दुकान, प्रतिष्ठान खुला रहेगा तो निजी शिक्षक आंदोलन को मजबूर होंगे. एप्टा के अध्यक्ष नागेंद कुमार, संरक्षक सह कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के जॉइंट सेक्रेटरी राजेश सिन्हा का कहना है कि 15 जनवरी के बाद हमलोग सड़क पर उतरकर सरकार को बताएंगे कि क्या बन्द रखना चाहिए और क्या खुला.

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सरकार से कोरोना गाइडलाइन में सुधार की मांग


एप्टा के पदाधिकारियों ने कहा कोरोना के नाम पर सबसे अधिक गाज निजी शिक्षकों पर ही गिरी है. सरकारी कर्मियों को तो तनख्वाह मिल जाती है. लेकिन बन्दी के कारण निजी शिक्षकों को तंगहाली में गुजारना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा था, तब नए साल के जश्न पर पाबंदी क्यों नहीं लगाई गई. कोरोना से बचने की जरूरत है. लेकिन टारगेट पर सिर्फ निजी शिक्षक रहे यह पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है. सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए और कुछ ऐसा कदम उठाना चाहिए, जिससे निजी शिक्षक और कोचिंग संचालकों का परिवार ठीक से जीवनयापन कर सकें.

Last Updated : Jan 5, 2022, 12:48 PM IST

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