गिरिडीह: कोल कर्मियों के वेतन बढ़ोतरी को लेकर बुधवार को नई दिल्ली में बैठक हुई थी. जॉइंट बाइपरटाइट कमेटी ऑन कोल इंडस्ट्रीज ( JBCCI) की इस बैठक में कोयला कंपनियों के प्रबंधन व यूनियन लीडरों के बीच पांच साल के वेतन समझौते पर सहमति बनी है. अब बाकी वेतन में कितने प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी इसपर अप्रैल में होनेवाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा. जेबीसीसीआई की इस बैठक को लेकर मजदूर यूनियनों ने अलग अलग प्रतिक्रिया दी है.
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सिर्फ ठगने का काम हुआ
वेतन समझौते पर राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के एनपी सिंह बुल्लू ने कहा कि जेबीसीसीआइ 1 से लेकर 10 तक जब भी वेतन समझौता हुआ तो पांच साल का ही हुआ है. अब फिर से पांच साल का वेतन समझौता करने का निर्णय लेने की बात कही गई है. यह निर्णय सिर्फ छलावा है. कहा कि इस मीटिंग में कोई फैसला नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि इंटक के बगैर यह मीटिंग हुआ है. ऐसे में मजदूरों के हितों को ध्यान में नहीं रखा गया. कोल इंडिया प्रबंधन जो चाह रहा है यूनियन लीडर वही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार को हुई मीटिंग सिर्फ खानापूर्ति है.
पांच साल का निर्णय बेहतरराष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के उलट झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के तेजलाल मंडल ने कहा कि कोल कर्मियों के वेतन को लेकर मीटिंग में जो निर्णय लिया गया है वह सही कदम है. उम्मीद है कि आगे भी बेहतर निर्णय लिया जाएगा. मजदूर यूनियन बीएमएस प्रमोद सिंह ने कहा कि एक तरफ प्रबंधन 10 साल का वेतन समझौता पर अड़ा था लेकिन यूनियन लीडरों की जिद के आगे प्रबंधन को झुकना पड़ा है और पांच साल का वेतन समझौता करने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय मजदूरों की जीत है.