गिरिडीहः नकली सीबीआई का अधिकारी (Fake CBI officer) बनकर लूटपाट करनेवाले एक गिरोह का भंडाफोड़ गिरिडीह की पुलिस ने किया है. इस मामले में कोलकाता (Kolkata) के मास्टरमाइंड (Mastermind) समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
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गिरिडीह पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों से नकली सीबीआई ऑफिसर (Fake CBI officer) बनकर लूटता था. पुलिस ने सीबीआई अधिकारी बनकर लूटपाट करनेवाले इस अंतरराज्यीय गिरोह (Interstate gang) का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह सफलता गिरिडीह एसपी अमित रेणू (Giridih SP Amit Renu) की मॉनिटरिंग में बगोदर एसडीपीओ नौशाद आलम की टीम को मिली है. इस सफलता की जानकारी एसपी अमित ने दी है.
स्वर्ण व्यवसायी के कर्मी से लूटा था 20 लाख22 जून 2021 को निमियाघाट थाना इलाके के रेलवे ओवरब्रिज (Railway overbridge) के पास लूटपाट हुई थी. यहां पर JH01BF-5226 नंबर की बोलेरो (Bolero) पर सवार अपराधियों ने JH12F-9669 नंबर की वैगन आर (Wagon-R) कार को ओवरटेक करके रोका था. बोलेरो से वर्दीधारी उतरे, जो खुद को सीबीआई अधिकारी (CBI officer) बताते हुए पहले वैगन आर पर सवार धनबाद के स्वर्ण व्यवसायी (Gold merchant) उपेंद्र कुमार भदानी के कर्मी कृष्णा नूनिया और वैगन आर के चालक सूरज कुमार शर्मा (धनबाद निवासी) को हथियार चमकाया और बाद में हथियार के बल पर ही गाड़ी को हाईजैक (Hijack) कर वापस बगोदर थाना क्षेत्र में ले जाकर 20 लाख रुपया की लूट कर ली. इस लूटकांड में 8 अपराधी शामिल थे.
कांड दर्ज होते ही हरकत में आई पुलिसइस मामले को लेकर वैगन आर के चालक सूरज कुमार ने बगोदर थाना में प्राथमिकी दर्ज (FIR registered) कराई. प्राथमिकी में सूरज ने कहा था कि स्वर्ण व्यवसायी उपेंद्र कुमार भदानी (Gold trader Upendra Kumar Bhadani) सोना का जेवरात बनाकर गिरिडीह जिला के धनवार के बाजार में बेचते हैं. इसके बाद धनवार से रुपया कलेक्शन (Rupee Collection) कर इसी वैगन आर कार से पैसे को धनबाद ले जाया जाता है. 22 जून को तगादा करने के बाद वो लोग 20 लाख रुपया लेकर वापस धनबाद जा रहे थे, तभी रास्ते में कार को कब्जे में लेकर लूटपाट कर ली गई. इस एफआईआर के बाद पुलिस तुरंत ही हरकत में आ गई.
एसआईटी ने ढूंढा सुराग
मामले की गंभीरता को देखते हुए गिरिडीह एसपी (Giridih SP) ने सरिया-बगोदर के एसडीपीओ नौशाद आलम (SDPO Naushad Alam) के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया. टीम में इंस्पेक्टर दिनेश कुमार सिंह (Inspector Dinesh Kumar Singh) और बगोदर थाना प्रभारी सरोज कुमार (Bagodar police station in-charge Saroj Kumar) को शामिल किया गया. इसके अलावा टेक्निकल सेल (Technical cell) के कर्मियों के अलावा अन्य पुलिसकर्मियों को भी इस टीम में शामिल किया गया. अनुसंधान शुरू हुआ तो अपराधियों की पहचान भी होने लगी.
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पहले ही धराया मास्टरमाइंड
पुलिसिया अनुसंधान (Police investigation) में यह बात सामने आई कि कोलकाता (Kolkata) में रहनेवाला मो. गुलजार उर्फ बबलू ही पूरे घटना का मास्टरमाइंड (Mastermind) है. पुलिस की टीम कोलकाता गई और वहां से गुलजार को गिरफ्तार किया. गुलजार की गिरफ्तारी के बाद धनवार थाना इलाके के लकठाही के मो साफिक, बसगी के मो. आफताब और कोडरमा के मोहन दास को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से लूट के 3 लाख 06 हजार, लूट की रकम से खरीदी गई अपाची बाइक (Apachi bike), लूट में इस्तेमाल बोलरो (Bolero) और एक मोबाइल बरामद किया गया.
रेकी कर दिया गया घटना को अंजाम
इन अपराधियों से पूछताछ में यह बात साफ हुई कि मुख्य अपराधी गुलजार काफी शातिर है. वह अपने गिरोह के साथ मिलकर कई राज्यों में लूट की घटना को अंजाम दे चुका है. लूट का तरीका भी इसी घटना की तरह का रखता है. 22 जून की इस घटना से पहले गुलजार ने अपने साथियों के साथ स्वर्ण व्यवसायी की रेकी की थी. गुलजार 24 घंटे धनवार क्षेत्र में भी रहा था. लेकिन इस घटना के बाद पुलिस ने काफी बारीकी से गुलजार को ढूंढ निकाला.