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कोरोना काल में लाउडस्पीकर के सहारे पढ़ रहे बच्चे, शिक्षकों के इस पहल की हो रही प्रशंसा - दुमका का उत्क्रमित मध्य विद्यालय वनकाठी

लॉकडाउन के बीच दुमका के उत्कमित मध्य विद्यालय वनकाठी में शिक्षकों ने ऑनलाइन क्लास चलाने का अनोखा विकल्प ढूंढ निकाला है. बच्चों के पास एंड्रॉयड फोन न होने के कारण गांव में लाउड स्पीकर के सहारे बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

Teachers giving classes on loudspeakers due to corona in Dumka
लाउड स्पीकर के सहारे पढ़ाई करते बच्चे

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Published : Aug 19, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 7:56 PM IST

दुमका: इस कोरोना काल में राज्य के सभी स्कूलों की तरह दुमका का उत्क्रमित मध्य विद्यालय वनकाठी भी बंद है, लेकिन इस स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को गांव में ही सोशल डिस्टेंसिंग कर माइक, लाउडस्पीकर के माध्यम से पढ़ाना शुरू कर दिया था. यह पढ़ाई लगभग 4 महीनों से जारी है. इस नए प्रयोग की सराहना हुई. बच्चे काफी मन लगाकर पढ़ भी रहे हैं. अब इसे रोल मॉडल बनाकर कई स्कूलों में लागू करने की योजना है.

देखिए पूरी खबर

जिला शिक्षा अधीक्षक मसूरी टुडू खुद विद्यालय पहुंचकर इस नई व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने बच्चों से बातचीत की. स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने की प्रशंसा की. उन्हें सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया.

कई स्कूलों में यह मॉडल किया जाएगा लागू

वनकाठी गांव एक गलियों में सड़क किनारे बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग कर मुंह में मास्क लगाकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इसे देखकर दुमका जिला शिक्षा अधीक्षक काफी प्रभावित हुए. डीएसई का कहना है कि इस स्कूल के शिक्षकों कार्य काबिल-ए-तारीफ है. इससे रोल मॉडल बनाकर दुमका के कई स्कूलों में लागू करेंगे. दुमका के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित इलाकों के स्कूलों में भी यह मॉडल लागू किया जाएगा. बच्चों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए वहां भी माइक के जरिए पढ़ाया जाएगा. शिक्षा विभाग के जो प्रखंड स्तरीय अधिकारी हैं, इसमें उन्हें लगाया जाएगा.

वनकाठी स्कूल के प्रधानाध्यापक श्याम किशोर ने कहा कि प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया था जो काफी सफल रहा है. यह हमारा टीमवर्क है. इसमें स्कूल के शिक्षकों के साथ-साथ गांव की जो युवक युवतियां पढ़े लिखे थे उन्होंने भी मदद की. गांव की एक युवती मार्षिला कहती है कि गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए इस स्कूल के शिक्षकों की मेहनत को देखकर हम भी इसमें शामिल हो गए हैं. वह काफी खुशी है और बच्चों में भी लेकर हर्ष है.

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इस तरह के समर्पण से ही बदलेगी तस्वीर

वनकाठी स्कूल बंद होने के बावजूद जिस तरह यहां बच्चों को पढ़ाया गया वह प्रशंसनीय है. अब विभाग इसे रोल मॉडल के रूप में स्थापित करने का मन बनाया है. सचमुच इस तरह का समर्पण सरकारी विद्यालय के सभी शिक्षकों में आ जाए तो झारखंड की उन्नति तय है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 7:56 PM IST

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