दुमका: केंद्र हो या राज्य सरकार उनका दायित्व होता है कि वह अपनी जनता के सुख-दुख का ख्याल रखे. सरकार को यह ध्यान रहना चाहिए कि जनता को क्या तकलीफ हो रही है, उनकी सहूलियत के लिए क्या करना होगा, लेकिन शायद मसलिया प्रखंड के कठलिया गांव के लोगों की समस्या के प्रति आज तक सरकार का ध्यान ही नहीं गया है.
क्या है पूरा मामला
दुमका जिला के मसलिया प्रखंड के कठलिया गांव के लोग कई दशकों से मयूराक्षी नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव से जो मयूराक्षी नदी गुजरी है, उस पर पुल नहीं रहने के कारण उन्हें दुमका जिला मुख्यालय जाने में 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. अगर पुल बन जाता तो सिर्फ 9 किलोमीटर में शहर में पहुंच सकते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ हमारा गांव ही नहीं अगल-बगल के लगभग 30 गांव के हजारों लोगों को इस पुल के बनने से फायदा होगा. वे कहते हैं कि हमने कई बार अपने जनप्रतिनिधियों से पुल की मांग रखी है. इसका सर्वे तक हुआ लेकिन आज तक पुल नहीं बना. जिसके कारण हजारों लोगों को प्रतिदिन यहां से किसी न किसी काम से शहर जाने में कठिनाई होती है. गांव से लोग रोजगार के लिए जाते हैं तो कोई पढ़ने या फिर मार्केटिंग या अस्पताल के लिए सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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क्या कहते हैं सांसद सुनील सोरेन
इस संबंध में जब हमने दुमका सांसद सुनील से बात की तो उन्होंने बताया कि कठलिया गांव के लोगों की इस विकराल समस्या से मैं भी वाकिफ हूं. उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण अत्यंत जरूरी है और इस दिशा में काम करेंगे. हलांकि स्थानीय सांसद सुनील सोरेन पुल निर्माण का आश्वासन तो दे रहे हैं पर ग्रामीणों के इस समस्या पर त्वरित संज्ञान लेते हुए कारवाई की आवश्यकता है.