दुमका:झारखंड सरकार दुमका में नई-नई सिंचाई परियोजनाओं को शुरू करने की घोषणा कर रही है. लेकिन जिले में पहले से कई पुरानी सिंचाई परियोजना देखरेख के अभाव में बदहाल हो गया है. जिसे कोई देखने वाला नहीं है.
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दुमका में लगभग दो दशक पहले मयूराक्षी पिपरा, पुसारो, मोतिहारी और ब्राह्मणी जैसी नदियों पर 24 से अधिक लिफ्ट इरिगेशन प्लांट स्थापित किए गए थे. जिससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा था. इसकी मदद से बड़े भू-भाग में खेती की जा रही थी. लेकिन धीरे-धीरे इन परियोजनाओं के प्रति सरकारी अनदेखी की वजह से लगभग सभी प्लांट बंद हो गए. जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या कहते हैं किसानटेपरा और पुसारो नदी के किनारे रहने वाले किसानों ने बताया कि नदी किनारे लिफ्ट इरिगेशन प्लांट स्थापित किया गया था. जिससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा था. नदी में बोरिंग कर उस पर इंटेक वेल बनाया गया था. उसमें मोटर के जरिए पाइप लगाकर पानी लिफ्ट किया जाता था और खेतों तक पहुंचाया जाता था. दुमका जिले में यह योजना और भी फायदेमंद साबित हुई. दुमका में सालोंभर नदियों में पानी नहीं रहता है. लेकिन बोरिंग हो जाने की वजह से पानी की समस्या दूर हो गई थी. लेकिन देखरेख के अभाव में सभी इंटेक वेल खराब हो गए. अब किसान अपने स्तर पर जुगाड़ कर कृषि कार्य कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार अगर इस पर ध्यान दे और इन परियोजनाओं को पुनर्जीवित करे तो किसानों को काफी फायदा होगा.
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सरकार को ध्यान देने की जरूरत
सरकार और जिला प्रशासन अगर चाहे तो कम खर्च में ये सभी परियोजनाएं फिर से जीवित हो सकता है. जिसका लाभ किसानों को मिल सकता है. अभी जिन योजनाओं का निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा की गई है, उसे पूरा करने में वक्त लगेगा. इन पुरानी योजनाओं पर अगर खर्च कर दिया जाए तो सिंचाई की सुविधा बहाल हो जाएगी.