झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

दुमका में प्रशासनिक अधिकारियों की भारी कमी, एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग

दुमका में बेहतर प्रशासन देने के दावे पर राज्य सरकार फेल साबित हो रही है. प्रशासनिक भवनों में खाली कुर्सियां कुछ यही बयां करती हैं. अधिकारी हैं भी तो एक साथ तीन-चार पदों को संभालने का भार उनकी कमर तोड़ रहा है. जैसे-तैसे चल रही इस व्यवस्था को सुधारने की पहल की जानी चाहिए.

Lack of administrative officers in dumka
डिजाइन इमेज

By

Published : Jan 15, 2021, 2:26 PM IST

दुमकाः राज्य सरकार बेहतर प्रशासन देने का दावा करती है पर उसके दावे उस वक्त खोखले नजर आते हैं जब जिले में अधिकारियों के पद रिक्त होते हैं. झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात करें तो दुमका संथालपरगना प्रमंडल का मुख्यालय भी है. बावजूद इसके यहां जिला प्रशासन में अधिकारियों की भारी कमी है. एक-एक अधिकारी तीन-चार पद संभाल रहे हैं. वहीं, कई ऐसे भी अधिकारी हैं जो दुमका के साथ गोड्डा-साहिबगंज जिला में भी पदस्थापित हैं. जाहिर है जनता का कार्य जैसे तैसे चल रहा है.

देखें पूरी खबर

आइए नजर डालते हैं कि जिला और प्रखंड स्तर पर कौन-कौन से पद खाली है.

  • अपर समाहर्ता
  • निदेशक , ग्रामीण विकास अभिकरण
  • निदेशक , राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम
  • निदेशक , सामाजिक सुरक्षा
  • जिला जनसंपर्क पदाधिकारी
  • जिला उद्यान पदाधिकारी
  • जिला गव्य विकास पदाधिकारी
  • डिप्टी रजिस्ट्रार
  • भू अर्जन पदाधिकारी
  • बंदोबस्त पदाधिकारी
  • कार्यपालक दंडाधिकारी सात स्वीकृत पद में छह रिक्त
  • सभी दस प्रखंडों में कल्याण पदाधिकारी
  • चार प्रखंडो में अंचल पदाधिकारी
  • एनईआरपी में चार सहायक और दो कनीय अभियंता
  • पेयजल विभाग में पांच सहायक और तीन कनीय अभियंता

एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग

दुमका में अधिकारियों की कमी की वजह से एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग का कामकाज चल रहा है. जिला योजना पदाधिकारी अरुण कुमार द्विवेदी को डीआरडीए डायरेक्टर का पदभार, साथ ही साथ में वह उपायुक्त के गोपनीय प्रभारी हैं. वहीं, दुमका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल आनंद बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी हैं, इसके साथ ही वह जिला नजारत और सामाजिक सुरक्षा के भी पदाधिकारी हैं.

समाहरणालय

ये भी पढ़ें-4 साल की बच्ची के साथ छेड़खानी, आरोपी की जमकर हुई धुनाई, भेजा गया जेल

जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग स्थापना शाखा का कामकाज देखते हैं, वहीं अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय के कार्यपालक दंडाधिकारी अशफ अली विधि शाखा के प्रभारी तो हैं ही और जिला जनसंपर्क पदाधिकारी के प्रभार में भी हैं. दुमका जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार रजक गोड्डा जिले के भी डीटीओ के प्रभार में हैं, वहीं दुमका जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद साहिबगंज के भी कल्याण पदाधिकारी हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय जनप्रतिनिधि

जिला और प्रखंड स्तर पर अधिकारियों की कमी को स्थानीय जनप्रतिनिधि सरकार की लापरवाही मानते हैं. उनका कहना है कि अगर अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो जनता का कामकाज समय पर और सुचारू तौर से कैसे हो पाएगा. वे सरकार से जल्द से जल्द इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.

क्या कहती हैं जिला उपायुक्त

इस पूरे मामले में जब दुमका के उपायुक्त राजेश्वरी बी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अधिकारियों की कमी और उनके पोस्टिंग को लेकर सरकार से पत्राचार किया गया है. डीसी ने कहा कि जल्द इस पर कार्रवाई की जा रही है.

सरकार को ध्यान देने की जरूरत

प्रशासनिक अधिकारी सरकार और जनता के बीच सेतु का काम करते हैं. वे विकास योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं. अब अगर काम करने के लिए अधिकारी रहेंगे ही नहीं तो बेहतर प्रशासन स्थापित कैसे हो पाएगा. इसका सीधा नुकसान क्षेत्र की जनता को हो रहा है. सरकार को इस पर त्वरित संज्ञान लेने की आवश्यकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details