दुमकाः राज्य सरकार बेहतर प्रशासन देने का दावा करती है पर उसके दावे उस वक्त खोखले नजर आते हैं जब जिले में अधिकारियों के पद रिक्त होते हैं. झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात करें तो दुमका संथालपरगना प्रमंडल का मुख्यालय भी है. बावजूद इसके यहां जिला प्रशासन में अधिकारियों की भारी कमी है. एक-एक अधिकारी तीन-चार पद संभाल रहे हैं. वहीं, कई ऐसे भी अधिकारी हैं जो दुमका के साथ गोड्डा-साहिबगंज जिला में भी पदस्थापित हैं. जाहिर है जनता का कार्य जैसे तैसे चल रहा है.
आइए नजर डालते हैं कि जिला और प्रखंड स्तर पर कौन-कौन से पद खाली है.
- अपर समाहर्ता
- निदेशक , ग्रामीण विकास अभिकरण
- निदेशक , राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम
- निदेशक , सामाजिक सुरक्षा
- जिला जनसंपर्क पदाधिकारी
- जिला उद्यान पदाधिकारी
- जिला गव्य विकास पदाधिकारी
- डिप्टी रजिस्ट्रार
- भू अर्जन पदाधिकारी
- बंदोबस्त पदाधिकारी
- कार्यपालक दंडाधिकारी सात स्वीकृत पद में छह रिक्त
- सभी दस प्रखंडों में कल्याण पदाधिकारी
- चार प्रखंडो में अंचल पदाधिकारी
- एनईआरपी में चार सहायक और दो कनीय अभियंता
- पेयजल विभाग में पांच सहायक और तीन कनीय अभियंता
एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग
दुमका में अधिकारियों की कमी की वजह से एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग का कामकाज चल रहा है. जिला योजना पदाधिकारी अरुण कुमार द्विवेदी को डीआरडीए डायरेक्टर का पदभार, साथ ही साथ में वह उपायुक्त के गोपनीय प्रभारी हैं. वहीं, दुमका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल आनंद बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी हैं, इसके साथ ही वह जिला नजारत और सामाजिक सुरक्षा के भी पदाधिकारी हैं.
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जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग स्थापना शाखा का कामकाज देखते हैं, वहीं अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय के कार्यपालक दंडाधिकारी अशफ अली विधि शाखा के प्रभारी तो हैं ही और जिला जनसंपर्क पदाधिकारी के प्रभार में भी हैं. दुमका जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार रजक गोड्डा जिले के भी डीटीओ के प्रभार में हैं, वहीं दुमका जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद साहिबगंज के भी कल्याण पदाधिकारी हैं.