दुमका: जामा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों अवैध रूप से बालू उत्खनन कर बालू माफिया और प्रशासन के मिली भगत से अवैध बालू बिहार और अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है. लेकिन प्रसाशन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिससे संबंधित ग्रामवासी अधिकारियों के रवैया से चिंतित है. इसके साथ ही हर दिन लाखों रुपये की राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है.
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ग्रामीणों ने बालू डंप का किया विरोध
आसनजोर गांव में लाइसेंस का दलील देकर बालू खनन करते हुए बालू डंप किया गया था और बालू बेचा जा रहा था. जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया और इसकी सूचना गांव के ग्राम प्रधान सह प्रवक्ता मुकेश कुमार मिश्र ने अंचल और थाना को दिया गया. लेकिन बालू माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं किया गया. मुकेश मिश्रा ने बताया कि जब प्रशासन से कोई मदद नहीं मिला तो ग्रामीणों ने मिलकर विरोध करने का निर्णय लिया और तब जाकर सभी ग्रामीणों ने गांव से बालू माफिया को खदेड़ा गया.
जांच की मांग
बीते दिनों सांसद सुनील सोरेन ने ट्वीट कर जामा प्रखंड के इन घाटों पर अवैध रूप से बालू डंप करने की शिकायत जिला प्रशासन से करते हुए जांच की मांग की थी. लेकिन दुर्भाग्य से सांसद ने उठाये गए इन ज्वलंत मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो गंभीर विषय है. बताया जाता है कि इन बालू माफियाओं को जिले के कई सफेदपोशों और नेताओं का वरदहस्त प्राप्त है.
अवैध कारोबार करने वाले पर लगाया अंकुश
अंचलाधिकारी आशीष कुमार मंडल ने इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि बालू खनन और डंप करने का आदेश जारी करने का अधिकार जिला खनन पदाधिकारी को है. जांच के आदेश मिलने पर अंचल पुलिस के सहयोग से कार्रवाई करते हैं. अवैध खनन और डंप करने वाले के खिलाफ जिला खनन के आदेश पर लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाता है.
वहीं, जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार तांती ने इस मामले में बताया कि जामा में सभी अवैध रूप से खनन, डंपिंग करने वाले ठिकानों और अवैध कारोबार करने वाले बिचौलिया पर अंकुश लगा दिया है. सभी जगहों पर अवैध बालू का कारोबार बंद है और बंद करने की प्रशासनिक कार्रवाई उपायुक्त दुमका के निर्देश पर किया जा रहा है. जल्द ही इसका असरदार परिणाम देखने को मिलेंगे.