दुमका: पिछले 2 वर्षों से मानसून समय पर नहीं आने फिर बारिश का असमय और कम होने की वजह से खरीफ फसल को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार मानसून ने साथ दिया है. समय पर अच्छी बारिश हो रही है. किसानों को सरकारी बीज पर इस बार उपलब्ध करा दिया गया है. दुमका में इस बार खरीफ फसल की बेहतर पैदावार की उम्मीद की जा रही है.
खेतों में बिचड़ा तैयार
वर्तमान समय में खेतों में बिचड़ा तैयार हो चुका है. उसे लगाने के लिए किसान अपने-अपने खेतों को भी तैयार कर चुके हैं. एक सप्ताह के अंदर बिचड़ा लगना भी शुरू हो जाएगा. ऐसे में हम कह सकते हैं कि इस बार धान की फसल का जो प्रोसेस होता है वह काफी बेहतर है.
सरकार से आर्थिक मदद की गुहार
किसानों का कहना है कि प्रकृति ने हमारा साथ दिया है. मानसून समय पर आया, अच्छी बारिश हुई है और लगातार हो भी रही है. इसके साथ सरकार के द्वारा जो लैम्प्स के माध्यम से बीज मिलना था वह भी मिल गया है. हम लोगों ने समय पर धान का बीज बोया था, जो अब भी बिचड़ा के रूप में तैयार हो चुका है. किसानों की मांग है कि हमें आने वाले समय में फर्टिलाइजर और जरूरी सामानों के साथ-साथ खेतों में काम करने वालों मजदूरों को भी देने के लिए पैसे की जरूरत होगी, लेकिन हमारे हाथ में पैसे नहीं है. किसान सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं.
कृषि पदाधिकारी का किसानों को सलाह
फसल की वर्तमान स्थिति पर दुमका जिला कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार खरीफ फसल काफी बेहतर है. धान की स्थिति अच्छी है. इसके साथ ही जहां कहीं किसानों ने मकई बोया है उसकी स्थिति अभी बेहतर है. समय पर मानसून ब्रेक किया और लगातार बारिश हो रही है. इस परिस्थिति में जिला कृषि पदाधिकारी किसानों को यह सलाह दे रहे हैं कि अभी जो गांव के खेतों में पानी है उसका संग्रह करें. जल संचयन काफी जरूरी है. हो सकता है कि आने वाले दिनों में बारिश का साथ नहीं मिले तो आपने जो जल संचयन किया है वह काफी काम आएगा और फसल बेहतर होगा.
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बता दें कि दुमका में 1 लाख 11 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान का फसल आच्छादित किया जाता है. अभी इसमें 70% खेतों में बिचड़ा लगभग तैयार है. जिला कृषि पदाधिकारी के अनुसार, इस वर्ष सरकार के द्वारा 800 क्विंटल धान के बीज आए थे. इसमें अधिकांश लैंम्प्स के माध्यम से लगभग बंट चुके हैं उसमें सिर्फ 38 क्विंटल बीज का वितरण होना बाकी है, जबकि मकई के क्षेत्रों का आच्छादन लगभग शत-प्रतिशत है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि इस बार खरीफ फसलों की स्थिति काफी बेहतर है.
किसानों को केसीसी लोन देने का लक्ष्य
किसानों के द्वारा जो आर्थिक मदद की मांग की जा रही है. इस पर दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि पांच हजार किसानों को केसीसी लोन देने का लक्ष्य है. एक सप्ताह के अंदर उसकी सारी प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी. उसके बाद किसानों को अपने कृषि कार्य के लिए पैसे की समस्या नहीं रहेगी.